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SPECIAL : कोरोना का आतंक : अलवर स्वास्थ विभाग ने शुरू की 3 महीने की तैयारी...मांगा पेरासिटामोल, हाइड्रोक्लोरोक्वीन सल्फेट का बंपर स्टॉक - Corona terror in Alwar

अलवर में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. जिले में एक्टिव केसों की संख्या 4000 से अधिक पहुंच चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने आगामी तीन महीने की तैयारी शुरू कर दी है. कोरोना मरीजों के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन सल्फेट, एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट, जिंक सल्फेट, एसकोबिरन एसिड, डॉक्सीसाइक्लिन, मल्टीविटामिन दवा, जीवन रक्षक दवा और रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित अन्य जीवन रक्षक दवा इंजेक्शन स्वास्थ्य विभाग से मांगे हैं.

Alwar Health Department demands
अलवर में कोरोना का आतंक

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Published : Apr 21, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 10:53 PM IST

अलवर. कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में संक्रमण कई गुना तेजी से फैल रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने आने वाले संकट को देखते हुए आगामी 3 माह की तैयारी शुरू कर दी है.

अलवर में कोरोना से लड़ने को तैयार प्रशासन

कोरोना मरीजों को सबसे अधिक फायदेमंद रेमडेसिविर इंजेक्शन हैं. अलवर में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रोजना 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है. इस इंजेक्शन का उपयोग कोरोना के गंभीर मरीजों में इंफेक्शन रोकने के लिए किया जाता है. दूसरी लहर में संक्रमण रोकने के लिए 18 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मांगे गए हैं. राजस्थान में दवा मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड की तरफ से सप्लाई की जाती है. दवाई सप्लाई होने में खासा समय लगता है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने आगामी जरूरतों के हिसाब से दवाई की डिमांड स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेज दी है.

एक्टिव केस की संख्या 4 हजार पार

अभी होने वाली खपत के अनुसार अलवर में तीन लाख हाइड्रोक्लोरोक्वीन सल्फेट 200 एमजी टेबलेट, तीन लाख एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट 500 एमजी, तीन लाख एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट 200 एमजी, 30 लाख पेरासिटामोल, 10 लाख जिंक सल्फेट 10एमजी, छह लाख एसकोबिरन एसिड 500 एमजी, 5 लाख डॉक्सीसाइक्लिन कैप्सूल 500 एमजी, 5 लाख मल्टी विटामिन टेबलेट की डिमांड भेजी है. इसी प्रकार स्वाइन फ्लू में काम आने वाली ओसेलटामिविर 30 एमजी कैप्सूल के एक लाख कैप्सूल, 45 एमजी एक लाख, 75 एमजी के एक लाख कैप्सूल कोविड मरीजों के इलाज के लिए मांगे हैं.

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आईसीयू की है जरूरत

कोरोना मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 20 बेड के आईसीयू की तत्काल जरूरत है. सभी कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन वाले सिर्फ 32 बेड हैं. आईसीयू के 20 अतिरिक्त बेड के सामान की डिमांड निदेशालय को भेजी है. इसमें आईसीयू के लिए 20 मोटोराइज बेड, 20 वेंटिलेटर, 20 बाई पैक मशीन, 2 एमबीजी मशीन, 2 ईसीजी मशीन, 20 मल्टी पैरा मॉनिटर, 4 क्रश कार्ड ट्रॉली, 4 लरयगोस्कोप, दो फ्रिज डबल डोर, 2 एम्बुबेग, 4 फेस मास्क मांगे हैं. वर्तमान में यहां 6 बेड के सर्जिकल आईसीयू में 6 बेड के मेडिकल आईसीयू को कोविड आईसीयू में बदला गया है. जहां मरीजों को इलाज हो रहा है.

15 कोविड केयर सेंटर शुरू, इनमें 789 सामान्य, 79 ऑक्सीजन बेड

जिन घरों में होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं है. ऐसे मरीजों को अब कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा. इन मरीजों के लिए 15 स्थानों पर 789 बेड के कोविड सेंटर शुरू किए गए हैं. इन सेंटरों में 79 बेड ऑक्सीजन की सुविधा वाले होंगे. जिससे मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत ऑक्सीजन दी जा सके. अलवर शहर में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के पायल गर्ल्स हॉस्टल में सो बैड और 10 ऑक्सीजन बैड तैयार किए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने अलवर ने मांगी दवाएं

बानसूर के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में 44 सामान्य व 4 ऑक्सीजन बेड, बहरोड के कम्युनिटी हॉल में 50 सामान्य व पांच ऑक्सीजन बेड, खेड़ली के शारदा अस्पताल में 32 सामान्य व तीन ऑक्सीजन बेड, कोटकासिम के राजकीय सावित्रीबाई फूले गर्ल्स हॉस्टल में 50 सामान्य व 5 ऑक्सीजन बेड, लक्ष्मणगढ़ के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में 16 सामान्य व 2 ऑक्सीजन बेड, मालाखेड़ा के देवनारायण रेजिडेंशियल स्कूल बालेता में 90 सामान्य व 9 ऑक्सीजन बेड, मुंडावर के मैक्सफोर्ड इंटरनेशनल स्कूल अजीजपुर में 100 सामान्य, 10 ऑक्सीजन बेड, रामगढ़ में कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में 50 सामान्य 5 ऑक्सीजन बेड, राजगढ़ के अंबेडकर हॉस्टल में 42 सामान्य 4 ऑक्सीजन बेड, रेणी में अंबेडकर हॉस्टल में 10 सामान्य, 2 ऑक्सीजन बेड, शाहजहांपुर में सेंट मार्गरेट इंजीनियरिंग कॉलेज में 70 सामान्य व 7 ऑक्सीजन बेड, थानागाजी में राजकीय आईटीआई में 40 सामान्य 4 ऑक्सीजन बेड, तिजारा ब्लॉक में अग्रवाल धर्मशाला भिवाड़ी में 40 सामान्य चार ऑक्शन बेड शुरू किए गए हैं.

जिला स्तर पर की जा रही है व्यवस्था

दूसरी तरफ जिला प्रशासन की तरफ से जरूरत के हिसाब से दवा का इंजेक्शन की लोकल खरीद करने की व्यवस्था की जा रही है. जिला कलेक्टर ने कहा कि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो. उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. मुख्यालय से निर्देश मिल चुके हैं. जरूरत पड़ने पर दवा इंजेक्शन की लोकल खरीद की जा सकती है. इसके अलावा अन्य सामान भी लोकल स्तर पर खरीदे जा सकते हैं.

Last Updated : Apr 21, 2021, 10:53 PM IST

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