अलवर. कहते हैं अगर मन में हौसला हो और जीवन में कुछ करने की चाह हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती. ऐसा ही कुछ अलवर की बेटियों ने करके दिखाया है, अलवर के थानागाजी की पायल जांगिड़ के बाद थानागाजी के ही नीमड़ी गांव के बंजारा बस्ती की तारा बंजारा ने दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के सम्मेलन में वैश्विक समुदाय के सामने अपनी बात रखी (Tara Banjara spoke International Labor Organization) है. वैश्विक समुदाय को बाल श्रम एवं बाल शौषण खात्मे का संकल्प दिलवाया. तारा ने अपनी भाषा में सम्मेलन में पहुंचे देशों के प्रतिनिधियों से सवाल पूछे. बाल श्रम को रोकने की अपील करते हुए सबको साथ मिलकर काम करने की बात कही.
दुनिया से बाल श्रम उन्मूलन के लिए डरबन दक्षिण अफ्रीका में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओं) की ओर से 5वें सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें अलवर के थानागाजी उपखंड क्षेत्र की बंजारा बस्ती निमड़ी गांव से पूर्व में बाल मजदूर रह चुकी घुमन्तु बंजारा समुदाय कि बेटी तारा बंजारा ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के साथ कार्यक्रम में भाग लेकर सम्मेलन में दुनिया को वैश्विक समुदाय को बाल श्रम एवं बाल शौषण समाप्त करने का संकल्प दिलवाया. अपने समुदाय व क्षेत्र की बालिकाओं के लिए मिशाल बन थानागाजी का पूरी दुनिया में नाम रोशन किया है. इस मौके पर तारा ने कहा कि यदि हम गरीब बच्चों को वोट देने का अधिकार नहीं है तो क्या हमसे मजदूरी करवाओगे? सब बच्चों को पढ़ने का अधिकार है. किसी भी बच्चे को बाल मजदूरी नहीं करनी चाहिए. इस अवसर पर तारा बंजारा ने अपने जैसे बच्चों कि बाल श्रम, चाइल्ड ट्रैफिकिंग, बाल यौन शौषण से सुरक्षा की मांग करते हुए कार्यक्रम में वैश्विक समुदाय के प्रतिभागियों को संकल्प दिलाया कि कोई भी बच्चा बाल श्रम, चाइल्ड ट्रैफिकिंग व बाल शौषण का शिकार न हो.