अलवर. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है. यह प्रोजेक्ट मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से सीधे मुंबई और गुजरात के शहरों में आवागमन सुगम हो जाएगा. हरियाणा में इसका कार्य प्रारंभ हो चुका है. लेकिन राजस्थान में इस कार्य की कछुआ चाल देखी जा रही है. आलम यह है कि अभी तक अलवर में हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है.
इस एक्सप्रेस-वे में अलवर जिले की 3 तहसीलों के 52 गांव की 68 किलोमीटर की जमीन पर निर्माण कार्य होना है. दिल्ली से अलवर होते कई फेस में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसके तहत रामगढ़, लक्ष्मणगढ़ और रेणी क्षेत्र के किसानों को मुआवजा दिया जाना है. रामगढ़ में 8 गांव के लोगों को 56.16 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका है. इसी तरह से लक्ष्मणगढ़ के 24 गांव में 126.32 करोड़, रेणी के 20 गांव में 48.1 करोड़ राशि दी जा चुकी है. जबकि अब तक रामगढ़ में मात्र 5.47, लक्ष्मणगढ़ में 64.43 करोड़, रेणी तहसील में 2.78 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. इस हिसाब से करीब 80 करोड़ रुपए अब तक मुआवजा किसानों को मिल चुका है. वहीं मुआवजे को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनको हरियाणा की तर्ज पर जमीन का मुआवजा दिया जाए.