अलवर.गहलोत सरकार ने इस साल कृषि बजट (Agriculture Budget In Rajasthan) अलग से पेश करने की बात कही. ऐसे में इस साल पेश होने वाले बजट से किसानों को भी खासी उम्मीद है. प्रदेश में किसानों का कर्ज सबसे बड़ा मुद्दा है. किसानों ने कहा कि सरकार को किसान के सभी तरह के कर्ज माफ करने चाहिए, साथ ही कृषि उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने चाहिए.
ऐसे में देखना होगा कि सरकार पहले कृषि बजट को किस तरह से पेश करती है. किसानों को कितना बजट का लाभ मिल पाता है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने की बात कही थी. हाल ही में किसानों की जमीन नीलाम होने का मुद्दा सामने आया. इस पर विपक्ष ने मुद्दे पर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार को घेरा. हालात खराब होता देख प्रदेश सरकार ने भी तुरंत एक्शन लिया और किसानों की होने वाली सभी तरह की जमीन नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाई.
कृषि बजट से किसानों की उम्मीदें यह भी पढ़ें- CM Gehlot Pre budget conversation : कृषि-बागवानी और पशुपालन सेक्टर है राज्य की अर्थव्यवस्था की धुरी, कृषि बजट लाने का निर्णय ऐतिहासिक
अलवर के किसानों ने कहा कि सबसे पहले तो कि सरकार को किसान का सभी तरह का कर्ज माफ करना चाहिए. इसके अलावा किसान को समय पर पर्याप्त खाद मिले, सस्ती दरों पर कृषि उपकरण मिले, इसके लिए सरकार को जिला स्तर पर बेहतर इंतजाम करने की आवश्यकता है. बारिश और ओलावृष्टि से हर साल किसान की फसल खराब होती है. ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों को समय समय पर मौसम में फसलों की जानकारी भी देने की व्यवस्था करनी चाहिए.
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किसानों ने कहा कि समय के साथ तकनीक में भी बदलाव होने लगी हैं. किसान अब भी सालों पुरानी तकनीक से फसल की बुवाई करता है. सरकार को नई तकनीक के अनुसार ब्लॉक स्तर पर किसानों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम (Training Program For Farmers) चलाने चाहिए. इन ट्रेनिंग प्रोग्रामों के माध्यम से नए उपकरण मशीन में नई तकनीक की जानकारी किसान को उपलब्ध कराई जाए. जिससे किसान कम जगह पर ज्यादा और बेहतर फसल की बुवाई कर सकें. इसके अलावा कीटनाशक दवा यूरिया के नुकसान के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए. जरूरत के समय किसान को खाद नहीं मिल पाती है.