अलवर.केंद्र सरकार ने देश में किसान की नीतियों को लेकर एक बिल संसद में पास कराया है, लेकिन पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है. केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टियां भी इस बिल का विरोध कर रही है. इसके साथ ही बिल के विरोध में कुछ सांसद अपना इस्तीफा भी दे चुके हैं. अलवर सहित पूरे प्रदेश की 247 मंडियां 21 सितंबर को बंद रहेंगी. इसके अलावा बिल के विरोध में किसान व्यापारी आगे भी अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
बता दें कि सरकार की सहयोगी पार्टियों के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी सहित सभी इसका विरोध कर रहे हैं. कई किसान नेता और सांसद की ओर से इस बिल के विरोध में इस्तीफा दिया गया है. वहीं, बिल के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से 21 सितंबर को पूरे प्रदेश में सभी मंडियों को बंद रखने का फैसला लिया गया है. अलवर सहित पूरे प्रदेश में करीब 247 मंडी है. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार का ये बिल किसान विरोधी है. इस बिल के बाद मंडिया भी बंद हो जाएंगी. ऐसे में हजारों लोग बेरोजगार होंगे.
किसान मंडी व्यापारियों ने कहा कि सरकार के फैसले जनविरोधी हैं. किसान जो साल भर परेशान रहता है इस बिल से फायदे की जगह किसान को नुकसान होगा. कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है. इस बिल के बाद देश की मंडियों में फसल बिकने के लिए नहीं पहुंचेगी. किसान को अपनी फसल का बेहतर दाम नहीं मिलेगा, क्योंकि फसल के दाम के बारे में किसान को जानकारी ही नहीं होगी.