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Published : Jul 21, 2020, 9:33 PM IST

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अलवर: कृषि कॉलोनियों को अब पाइप लाइन से मिलेगा पानी, कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू

अलवर शहर के आसपास बसी कृषि कॉलोनियों को अब जल्द ही पाइपलाइन से पानी मिलेगा. लंबे समय से कृषि कॉलोनियों में पानी की समस्या बनी हुई थी. सिंगल फेस की बोरिंग और छोटी पानी की टंकियों के भरोसे लाखों लोग रह रहे थे. लेकिन अब सभी कृषि कॉलोनियों में पाइपलाइन डल चुकी है. वहीं लोगों को कनेक्शन देने का काम भी शुरू हो चुका है.

कृषि कॉलोनी अलवर, rajasthan news
अब पाइप लाइन से मिलेगा पानी

अलवर. शहर के आसपास 50 से अधिक छोटी बड़ी कृषि कॉलोनियां है. जो कृषि भूमि पर बसी हुई है. UIT की तरफ से पट्टे देकर इन को नियमित किया गया है. जलदाय विभाग के नियम के हिसाब से कृषि कॉलोनियों में कनेक्शन नहीं दिए जाते थे. लेकिन वसुंधरा सरकार के दौरान अलवर की कृषि कॉलोनियों में पानी सप्लाई के लिए अमृत योजना के तहत नई पानी की पाइप लाइन डालने, पानी की टंकी बनाने, पंप हाउस और ट्यूबवेल खोदने का काम शुरू किया गया.

अब पाइप लाइन से मिलेगा पानी

इसके तहत करीब 61 से ट्यूबवेल खोदे गए. 8 पानी की टंकियां बनाई गई और 6 पंप हाउस और अन्य जरूरत के हिसाब से संसाधन जुटाए गए. लेकिन कोरोना के चलते यह काम रुक गया था. अब फिर से काम तेजी से शुरू हुआ है. कृषि कॉलोनियों में 13 हजार पानी के नए कनेक्शन दिए जाने हैं. अभी तक करीब 3000 कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इसके अलावा लगातार यह काम जारी है.

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कनेक्शन का काम पूरा होने के बाद लोगों को नियमित रूप से पाइप लाइन से पानी सप्लाई किया जाएगा. ऐसे में कृषि कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. अलवर की कृषि कॉलोनियों में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोग रहते हैं. लंबे समय से यह लोग पानी की मांग कर रहे थे. ऐसे में अमृत योजना से कृषि कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है.

रूपारेल नदी के आसपास निचले हिस्से में जलदाय विभाग की तरफ से ट्यूबवेल खोदे गए हैं. जिनमें भरपूर पानी है. अभी तक इस पानी को शहर में सप्लाई किया जा रहा था. लेकिन कृषि कॉलोनियों में कनेक्शन का काम पूरा होने के बाद पानी जरूरत के हिसाब से लोगों को दिया जाएगा. जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपए के काम हुए हैं. इस काम का लोगों को सीधा फायदा मिलेगा.

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अमृत योजना पर एक नजर

अलवर शहर में 90 करोड़ रुपए खर्च हुए, जिसमें 61 ट्यूबवेल खोदे गए. 8 पानी की टंकी (उच्च जलाशय), 6 पंप हाउस का निर्माण और 500 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई.

नहीं थी पानी की कोई व्यवस्था

कृषि कॉलोनियों में पहले पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी लोग आसपास क्षेत्र से पानी भरकर लाते थे. जबकि कुछ जगहों पर सिंगल फेस की बोरिंग वह छोटी पानी की टंकियां लगी हुई थी. लोग उसी से पानी भर कर जीवन यापन करते थे. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी होती थी. इसके अलावा लोगों ने घरों में ट्यूबेल खोद लिए थे.

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