अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान निजी अस्पताल अब मरीजों से ज्यादा पैसे नहीं वसूल सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की तरफ से निजी अस्पतालों की जांच पड़ताल शुरू की गई है. इस दौरान सरकार की तय दरों से ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. साथ ही मरीज और उनके परिजनों को अतिरिक्त पैसे लौटाए जाएंगे.
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान निजी अस्पतालों ने मरीजों को जमकर लूटा. तीन से चार दिन भर्ती होने वाले मरीज से ढाई से तीन लाख रुपए वसूले गए. ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, जीवन रक्षक दवा और इंजेक्शन देने के नाम पर मरीजों से कई गुना ज्यादा पैसा वसूले गए. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन सरकार को आए दिन शिकायतें मिल रही थी. इलाज के दौरान कुछ लोगों की जान तक चली गई. निजी अस्पताल मरीज को बचा भी नहीं सके. ऐसे में मरीज के परिजन परेशान नजर आए.
अलवर जिले में 150 से अधिक निजी अस्पताल है. कोरोना के पीक समय में ज्यादातर निजी अस्पतालों में दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हाथरस, मथुरा, आगरा, दौसा, भरतपुर सहित आसपास के जिलों व शहरों के मरीज भर्ती थे. निजी अस्पतालों में अलवर के लोगों को बेड नहीं मिले. आपातकाल में निजी अस्पतालों में मरीजों को लूटने का काम किया, लेकिन अब निजी अस्पतालों को वापस मरीजों को पैसे लौटाने होंगे. प्रशासन की तरफ से निजी अस्पतालों की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है. अभी कुछ लोगों को पैसे लौटाए गए हैं.
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा जिस समय कोरोना वायरस का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था, उस समय इस तरह के हालात नहीं थे कि अस्पतालों की जांच पड़ताल की जाए. उस समय अस्पताल पर किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन अब हालात थोड़े सामान्य होने लगे हैं. ऐसे में प्रशासन की तरफ से सभी अस्पतालों की जांच पड़ताल शुरू की गई है. जिन अस्पतालों ने मरीजों से ज्यादा पैसे वसूले हैं, उन अस्पतालों को पैसे लौटाने होंगे. कुछ मरीजों को पैसे अभी लौटाए गए हैं. लगातार यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी. मरीजों के साथ पूरा न्याय होगा. साथ ही अस्पताल के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे.