अलवर.विशिष्ट न्यायालय (पॉक्सो एक्ट संख्या-2) के न्यायाधीश राजवीर सिंह ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 38 हजार रुपए अर्थदंड आदेश भी दिया गया. जानकारी के अनुसार उक्त प्रकरण में कोर्ट में पीड़िता घटना से मुकर गई थी, लेकिन न्यायालय से साक्ष्यों के आधार अभियुक्त को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है.
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विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक कुमार सैनी ने बताया कि अलवर जिले के एक ग्रामीण इलाके से 4 नवम्बर 2016 को 12 वर्षीय स्कूली बालिका को स्कूल के रास्ते से आरोपी नेतराम उर्फ कलुवा (38) पुत्र रामचरण निवासी खेरली रेल वैन में बैठाकर ले गया. वह बालिका को बेंगलुरु ले गया और उसके साथ शादी कर ली. बालिका को तीन-चार महीने अपने साथ बेंगलुरु में रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया. जिससे बालिका गर्भवती हो गई.
घटना के सम्बन्ध में पीड़िता के पिता ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. इस मामले में पुलिस ने बालिका को बेंगलुरु से दस्तयाब कर आरोपी नेतराम को गिरफ्तार किया. उस दौरान बालिका 4 माह की गर्भवती थी. प्रकरण में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया, लेकिन पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ.
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न्यायालय ने मेडिकल और एसएफएल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर नेतराम उर्फ कलुवा (38) पुत्र रामचरण निवासी खेरली रेल को दोषी माना. इसके बाद अभियुक्त नेतराम को सोमवार को 10 साल के कठोर कारावास और 38 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई.