रेवाड़ी/अलवर.साल2016 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक आंकड़ा पेश किया था, जिसके मुताबिक 2012 से 2014 के बीच में दहेज के लिए 25 हजार महिलाओं की या तो हत्या कर दी गई या उन्होंने आत्महत्या कर ली. देश की आजादी से पहले ही महात्मा गांधी ने इस विकराल कुरीति को पहचान लिया था और कहा था कि जो भी व्यक्ति दहेज को शादी की ज़रूरी शर्त बना देता है, वो अपनी शिक्षा और अपने देश को बदनाम करता है और साथ ही पूरी महिला जाति का अपमान भी करता है. लेकिन, विडंबना देखिए दहेज के रूप में लिए जाने वाले नोट पर आज उन्हीं गांधी जी का फोटो होता है. दहेज के इसी लालच की वजह से हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले कैलाश तंवर ने अलवर में अपनी बहन के घर जाकर आत्महत्या कर ली, उनकी बेटी की शादी के कार्ड भी छप गए थे और वो बेटी अब विदाई की जगह अपने पिता की मौत पर आंसू बहा रही है.
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पूरा मामला समझिए
दरअसल, रेवाड़ी के गांव पालड़ा के कैलाश तंवर की बेटी रवीना की शादी गुरुग्राम के गांव कासन में रहने वाले सुनील कुमार के बेटे रवि के साथ तय हुई थी. ये रिश्ता कैलाश की बहन ने करवाया था, जिसकी शादी अलवर में हुई थी. कैलाश अपनी बेटी की शादी से काफी खुश थे और तैयारियों में लगे थे. तभी लगन से ठीक एक दिन पहले लड़के वालों ने कैलाश को बुलाया और 30 लाख रुपये के साथ-साथ एक गाड़ी की डिमांड रख दी. साथ ही धमकी दी कि अगर मांग पूरी ना कर सको तो हमारी चौखट पर गवन लेकर ना आना. लाचार पिता ने मन्नतें कीं. अपनी इज्जत की दुहाई दी, बेटी का वास्ता भी दिया. लेकिन. सुनील कुमार और उसके परिवार पर रत्ती भर असर नहीं हुआ. वो दहेज की अपनी मांग पर अड़े रहे. लिहाजा कैलाश अलवर अपनी बहन के घर पहुंचे और मजबूर होकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपनी बेटी की शादी के कार्ड पर लिखकर एक सुसाइड नोट भी छोड़ा. जिसमें लिखा कि इस समाज में मैं नहीं रहना चाहता. सुनील कुमार और उसका परिवार ही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं. कैलाश तंवर का एक बेटा भी है, जिसकी शादी रवीना के कुछ दिन बाद ही होनी थी, वो भी अब दहेज लोभियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.
बेटे ने क्या कहा ?