अलवर. शहर में पंचायत चुनाव की तैयारी कोरोना वायरस पर भारी पड़ रही है. जिले के 8 पंचायत समितियों की 251 ग्राम पंचायतों में होने वाले सरपंच और पंच के चुनाव कराने में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है. प्रथम चरण के लिए 28 सितंबर और अंतिम चरण के लिए 10 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.
जिले में दो चरणों के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. यही कारण है कि इन दिनों प्रशासन के उपखंड अधिकारी विकास अधिकारी से लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर स्तर के जातक अधिकारी पंचायत चुनाव में जुटे हुए हैं. जिले के करीब 12 हजार कर्मचारी और अधिकारी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं.
इनमें करीब 8,200 कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी अधिकारी मतदान अधिकारी मतदान दल कार्मिक पीआरओ प्रथम द्वितीय और तृतीय के रूप में लगाई गई है. प्रत्येक पंचायत समिति में करीब 30 सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इस तरह 8 पंचायत समितियों में 200 से 250 अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी के पद पर लगाया गया है. साथ ही कानून व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में एरिया मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं.
पढ़ेंःपति की तलाश में राजस्थान से यमुनानगर पहुंची महिला, थाने के काट रही चक्कर
जिले में पंचायत चुनाव के दो प्रशिक्षण में 40 से 50 कर्मचारी और अधिकारियों को लगाया गया है. इसके अलावा मतदान दलों के गठन प्रक्रिया में 30 कर्मचारी ईवीएम की तैयारी में 20 कर्मचारी जुटे हुए हैं. इसके अलावा चुनाव की तैयारी और अन्य चुनाव कार्य में भी अनेक कर्मचारी लगे हुए हैं. इस पूरी प्रक्रिया में 12 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी लगे हुए हैं.
सुरक्षा कार्य में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पुलिस अधिकारी पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं. जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हजार के पार हो गई है. संक्रमित की मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं.
जिले में कोरोना संक्रमण की दस्तक से पहले प्रशासन का ज्यादातर अमला कोरोना से बचाओ और मॉनिटरिंग में तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन इस बीच पंचायत चुनाव की घोषणा के चलते प्रशासन के बड़े अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. इसका असर कोरोना से बचाव संक्रमण रोकने की तैयारी पर भी पड़ने लगा है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी और अधिकारियों पर संक्रमण का खतरा भी मंडराने लगा है. क्योंकि गांव में जोर शोर से चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है,