अजमेर.पूरे देश में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने वाले लोगों को इलाज के दौरान कीमोथेरेपी की वजह से कई तरह की तकलीफें होती है. जिसमें अपने बाल गंवाना सबसे दुखद होता. खासतौर पर किसी महिला के लिए.
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कीमोथेरेपी में रेडिएशन के जरिए कैंसर का इलाज किया जाता है. जिसकी वजह से मरीज के बाल तेजी से झड़ते हैं. इलाज पूरा होते-होते कई मरीज गंजे हो जाते हैं. कैंसर पीड़ित मरीज अपने बालों को लेकर हीन भावना का शिकार ना हों, इसके लिए राजस्थान के अजमेर की एक बेटी ने अपने बालों को दान करने का फैसला किया. गुरुवार को अपने बाल कैंसर पीड़ित मरीजों के समर्थन में दान कर दिए.
वर्षा कुमावत ने कैंसर मरीजों के लिए किया बालों का दान कैंसर पीड़ितों के समर्थन में वर्षा ने दान किए अपने बाल
ETV BHARAT से बातचीत में वर्षा ने बताया कि वह शुरू से कैंसर पीड़ितों के लिए कुछ करना चाहती हैं. 2019 में उन्होंने अपने बाल दान करने का फैसला किया, लेकिन उन्हें इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं थी. इसलिए उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया के जरिए पूरी प्रक्रिया जानने की कोशिश की.
इंस्टाग्राम के जरिए उन्हें अपने बाल डोनेट करने का तरीका पता चल गया. उन्होंने अपने परिजनों से बातचीत की तो माता-पिता ने भी इस फैसले को पूरा समर्थन दिया. जिसकी वजह से वर्षा का इरादा और ज्यादा पक्का हो गया. उन्होंने मुम्बई ट्रस्ट की मदद से अपने बाल चेरिटेबल ट्रस्ट को डोनेट किए हैं.
परिवार का मिला पूरा सहयोग
वर्षा बताती हैं कि उनके इस फैसले को साकार रूप देने में उनके परिजनों ने काफी सहयोग किया. पितृसत्तात्मक समाज में रहने की वजह से लड़कियों के लिए बाल डोनेट करने का फैसला करना काफी मुश्किल होता है. यदि किसी भी लड़की को उसके परिवार का सहयोग हासिल होता है तो उस लड़की को यह फैसला जरूर लेना चाहिए. हमारा एक छोटा सा कदम कैंसर पीड़ित मरीजों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए काफी है.
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वर्षा के पिता जीवन प्रकाश कुमावत कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को कभी भी सकारात्मक फैसले लेने से नहीं रोका. वर्षा की ओर से बाल डोनेट करने के फैसले का भी उन्होंने खुले दिल से स्वागत किया. जीवन प्रकाश कहते हैं कि यदि कोई काम किसी अच्छे मकसद से किया जाए तो परिवार को भी उस फैसले में सहयोग जरुर करना चाहिए. इसी वजह से उन्होंने वर्षा के फैसले को खुले दिल से समर्थन दिया. कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए बाल डोनेट करने वाली वर्षा का उद्देश्य कैंसर पीड़ित मरीजों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना था. उनका यह फैसला आज उनके खुशनुमा चेहरे से बयान हो रहा है.