पुष्कर(अजमेर): धार्मिक नगरी पुष्कर (Pushkar) में भी महिलाओ को सजते -संवरते देखकर सात समंदर पार से आई विदेशी बालायें भी अपने आपको रोक नहीं सकीं. आम राजस्थानी महिलाओं के अलावा कई विदेशी सैलानी भारतीय परिवेश और परम्परा अनुसार घुलते मिलते नजर आए. भारतीय संस्कृति में रूप चतुर्दशी (Roop Chaturdarshi) का क्या महत्व है उसको भी बखूबी समझने का प्रयास किया.
भारतीय परम्परा से विभोर सैलानी
पाश्चात्य संस्कृति से भारत की संस्कृति को आत्मसात कर रही विदेशी पर्यटक डेनबरगा ऑस्ट्रेलिया से भारत भ्रमण के लिये आयी थी. डेनबरगा ने बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार भारत आ रही है. इसी कारण से उसे भारत के त्योहारों के बारे में जानकारी है. विदेशी सैलानी डेनबरगा बड़े हर्ष से कहती हैं कि उन्हें भारतीय धार्मिक रीति रिवाज आकर्षित करते हैं. उन्होंने रूप चतुर्दशी के बारे में जाना और इन पलों को यादगार बनाने के लिए राजस्थानी रंग में रंगने का फैसला लिया.