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अजमेर: शहर में 7 स्थाई आश्रय स्थल... फिर भी रोड पर रात गुजारने को मजबूर लोग

अजमेर में कड़कड़ाती सर्दी का सितम अपने चरम पर है. रात में जहां लोग घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं तो वहीं कुछ लोग सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं. हालांकि अजमेर नगर निगम ने 7 स्थाई आश्रय स्थल खोल रखे हैं. जहां रहने खाने की निशुल्क व्यवस्था की गई है. लेकिन जानकारी के अभाव में लोग वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

Ajmer Municipal Corporation,  7 Shelters homes in Ajmer
शहर में चल रहे हैं 7 स्थाई आश्रय स्थल

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Published : Dec 18, 2020, 11:02 PM IST

अजमेर.अजमेर में न्यूनतम तापमान साढ़े सात डिग्री तक पहुंच गया है. वहीं शीतलहर ने लोगों की कपकपी छोड़ा रखी है. ऐसे में सवाल उठता है, उन लोगों की क्या हालत होगी जो किसी ना किसी परिस्थिति वश डिवाइडर या दुकानों के बाहर सोने को मजबूर है. ऐसे लोग प्रचार-प्रसार के अभाव में आश्रय स्थलों का लाभ नही उठा पा रहे है. नगर निगम ने अजमेर में 7 आश्रय स्थल संचालित किए हैं. यह सभी आश्रय स्थल स्थाई है और 12 महीने संचालित किए जाते हैं.

शहर में चल रहे हैं 7 स्थाई आश्रय स्थल

आश्रय स्थलों में लोगों के रहने खाने और सर्दी से बचाव की सभी व्यवस्थाएं हैं. इतना ही नहीं कोरोना गाइड लाइन के अनुसार इन आश्रय स्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हुए रहने की भी व्यवस्था की गई है. महिलाओं के लिए आश्रय स्थल में अलग से व्यवस्था है. इसके अलावा सामान रखने के लिए लॉकर और अलमारियां भी है.

संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में लोग इलाज के लिए दूर-दूर से आते हैं. मरीजों के परिजन इन्हीं आश्रय स्थलों में रहते हैं. नगर निगम के आयुक्त खुशाल यादव ने दावा किया है कि आश्रय स्थल में लोगों की सुविधा अनुसार सभी व्यवस्थाएं की जा रही है.

यादव के अनुसार लोग इन आश्रय स्थलों का लाभ भी उठा रहे हैं. लेकिन वास्तविकता दावे से परे है. तमाम सुविधा होने के बावजूद आश्रय स्थल में लोग नहीं रह रहे है. कुछ आश्रय स्थलों में 2-3 लोग ही दिखाई दिए. आश्रय स्थल की क्षमता के हिसाब से यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है. जानकारी के अभाव में लोग आश्रय स्थलों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. नगर निगम ने लोगों के लिए आश्रय की सुविधा करने के बाद भी बिना प्रचार प्रसार के बेमतलब साबित हो रही है.

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दफ्तरों में बैठकर जमीनी हकीकत का अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है. वास्तविकता जानने के लिए दफ्तर से निकलकर अधिकारियों को आश्रय स्थल की सुध लेनी चाहिए. नगर निगम को होर्डिंग्स और प्रचार-प्रसार के अन्य माध्यमों से आश्रय स्थलों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने चाहिए.

अजमेर में संचालित आश्रय स्थलों की यह है जानकारी-:

  • अजमेर के पड़ाव क्षेत्र में पार्वती हिल मिल के सामने आश्रय स्थल है, जिसकी क्षमता 30 लोगों के रहने के लिए है.
  • आजाद पार्क के सामने आश्रय स्थल है जहां 78 लोगों के रहने खाने की व्यवस्था है.
  • दिल्ली गेट स्टेट झूलेलाल मंदिर के सामने आश्रय स्थल है, जहां 60 लोगों के रहने खाने की व्यवस्था है.
  • कोटड़ा स्थित प्राइवेट बस स्टैंड पर 50 लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था है.
  • राजकीय महिला चिकित्सालय ( जनाना अस्पताल ) परिसर में आश्रय स्थल है, जिसकी क्षमता 50 लोगों की है.
  • संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के कार्डियोलॉजी परिसर के समीप आश्रय स्थल है, जहां 50 लोगों के रहने की व्यवस्था है.
  • इन सभी आश्रय स्थलों के संचालन करता इकबाल मोहम्मद हैं जिनका संपर्क नंबर 9602875050, 8209477685 है.
  • जेएलएन अस्पताल परिसर में स्थित आश्रय स्थल में 25 लोगों के रहने की व्यवस्था है. यहां संचालन कर्ता विजय जैन है. जिनका संपर्क नम्बर 9828145893 है.




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