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मासूमों के सपनों को पंख दे रहे अध्यापक सुनील जोशी... गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा का उठाया बीड़ा - अजमेर की ताजा खबर

शिक्षा पैसों की मोहताज नहीं होती. गरीब बच्चों को भी सही मार्गदर्शन मिले तो वे भी जिंदगी में बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं. अजमेर में एक निजी विद्यालय के शिक्षक गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं.उनकी मेहनत रंग भी ला रही है. इनके पढ़ाए हुए कई बच्चे IIT में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

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सुनील जोशी गरीब बच्चों को दे रहे मुफ्त शिक्षा

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Published : Jul 18, 2020, 4:40 PM IST

अजमेर.गरीब या स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों में भी हुनर की कमी नहीं है. मेहनत और कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो वे भी आसमान छु सकते हैं. लेकिन महंगाई के इस दौर में शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि हर कोई उसे वहन नहीं कर सकता. हालांकि कई संस्थाएं इस क्षेत्र में कार्य कर रही है, पर उनकी संख्या ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.

सुनील जोशी गरीब बच्चों को दे रहे मुफ्त शिक्षा

इन सब के बीच समाज और गरीब बच्चों को नई दिशा देने की सोच के साथ अजमेर के डॉ. सुनील जोशी ने गरीब बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. सुनील ने 12 साल पहले इस काम की शुरुआत की थी.इसमें उनके कुछ मित्रों डॉ. आलोक गर्ग, शर्मा कोचिंग से रिचा शर्मा, डॉ. मुकेश आहुजा आदि ने भी उनका सहयोग किया.

सुनील और उनके दोस्तों की मेहनत रंग लाई और अब उनके नि:शुल्क कक्षा में 25 बच्चे नीट के लिए और 25 बच्चे आईआईटी के लिए पढ़ने आ रहे हैं. वहीं कई बच्चों का सेलेक्शन IIT में भी हो चुका है. इनमें पूजा जालोटिया, शिखा वर्मा और अजय जालोटिया शामिल हैं.

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डॉ. जोशी ने बताते हैं कि वह अजमेर के नामी विद्यालयों में पिछले 25 वर्षों से गणित पढ़ा रहे हैं जहां फीस ही लाखों में होती है. हर कोई इतनी महंगी फीस को वहन नहीं कर सकता. उनकी पत्नी साहिना थॉमस एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका हैं. जो अक्सर उनसे गरीब बच्चों की काबिलियत के बारे में चर्चा करती रहती हैं.

गांव के गरीब बच्चों को दी जा रही है शिक्षा

डॉ. सुनील के अनुसार जो भी बच्चे उनसे मिलकर पढ़ने की इच्छा जताते हैं. वे उनकी हरसंभव मदद करते हैं. कुछ बच्चों का शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बड़े स्कूलों में दाखिला भी करवाया जाता है. जिन बच्चों का उन स्कूलों में दाखिला नहीं हो पाता, उन्हें उनके प्राइमरी स्कूल में पढ़ाया जाता है. इसके साथ ही बड़े बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग भी उपलब्ध करवाई जाती है. कहते हैं कि उनका केवल एक ही उद्देश्य है कि गरीबी के कारण शिक्षा से कोई भी बच्चा वंचित ना रह जाए.

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