अजमेर.एक ओर सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी ओर सरकारी जमीन पर लगाए गए पौधों को अतिक्रमण बताकर गांव के ही दबंग उन्हें काटने पर आमादा हैं. अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र के बालापुरा गांव से कुछ ऐसी ही खबर सामने आई है.
गांव में तालाब की पाल के समीप लगे 300 पौधों को बचाने के लिए समिति बालाजी मंदिर के पुजारी का पुत्र संघर्ष कर रहा है. मंदिर के पुजारी बालूराम वैष्णव ने अपने अथक प्रयास से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए थे. उनका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति प्रेम था, लेकिन गांव के ही चंद लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बताते हुए प्रशासन को शिकायत कर दी. जिस पर कलेक्टर ने वहां होलिका दहन के लिए स्थान बनाने का निर्देश दे दिया है.
वहीं, ग्राम पंचायत को पौधों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है, लेकिन कुछ लोग होलिका दहन के लिए चयनित किए गए स्थान पर लगे पेड़ों-पौधों को काटने पर उतारू हैं. पुजारी बालूराम वैष्णव के पुत्र विष्णु वैष्णव ने बताया कि जिस भूमि पर 300 पौधे लगे हुए हैं, जो पुष्कर सरकारी नर्सरी से लिए गए थे. उन्होंने बताया कि बालाजी मंदिर के पुजारी और उनके पिता बालूराम वैष्णव ने पौधे लगाए, बल्कि उन पौधों को पालने के लिए मंदिर परिसर में कुआं भी खुदवाया.