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अजमेर प्रशासन का अड़यल रवैया, कर्फ्यू क्षेत्र में दवा मार्केट नहीं खुलने से रिटेलर और उपभोक्ता परेशान

देशभर में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात बिगड़ने लगे हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अलग-अलग जिलों को अलग-अलग जोन में बांटा है. संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बाद अजमेर को रेड जोन में रखा गया है. जिसके बाद दवा मार्केट नहीं खुलने पर लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अब ऐसे में दवा मार्केट भी कर्फ्यू क्षेत्र में स्थित है. जिसके चलते वह पिछले 2 महीने से बंद है. ना तो अब वहां से माल की सप्लाई हो पा रही है और ना ही रिटेलरों के पास माल पर्याप्त मात्रा में पहुंच पा रहा है.

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Published : May 12, 2020, 3:10 PM IST

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प्रशासन का अड़यल रवैया

अजमेर.शहर में लॉकडाउन के वजह से दवा मार्केट नहीं खुलने पर लोगों के काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे स्टेशन के समीप ही विमला मार्केट में दवाइयों की लगभग 120 से 125 दुकानें स्थित है, मगर लॉकडाउन के क्षेत्र में स्थित होने के कारण जिला प्रशासन द्वारा स्टेशन पर किसी भी दुकान को खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की है. जिसके चलते दवा मार्केट व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दवा मार्केट व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

ना ही रिटेलर दुकानों पर माल पहुंचा रहा है और ना ही वह लोगों को माल दे पा रहे हैं, वही इस संकट की घड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात करें तो अजमेर के किशनगढ़, ब्यावर, केकड़ी, मसूदा, विजयनगर सभी क्षेत्रों में आने वाले रिटेलर अजमेर से ही माल खरीदते और बेचते हैं.

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उपभोक्ता हो रहा परेशान-

अजमेर जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव मदन बाहेती ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में दवा मार्केट होने के चलते रिटेलर दुकानों पर माल पूर्ण मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है. इसलिए जब उपभोक्ताओं को डॉक्टर की लिखी दवाई नहीं मिल पाती तो उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब ऐसे में प्रशासन से भी बात की गई तो उन्होंने इस बात को अभी तक स्वीकार नहीं किया है.

प्रतिदिन दवा मार्केट खोलने की मांग-

बाहेती ने बताया की दवाइयां आवश्यक सुविधाओं में आती है, जिसके चलते उन्हें दवा मार्केट खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए. भले ही मार्केट कुछ घंटों के लिए खोल दिया जाए लेकिन उसे खोलने की अनुमति रोज मिलनी चाहिए. जिसके चलते दवा मार्केट खुलने के बाद रिटेलरों और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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