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स्पेशल: कबाड़खाना बनकर रह गया करोड़ों में बना यह उद्यान, लोकार्पण के बाद भी है बंद

सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर में सौंदर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह उद्यान का निर्माण किया गया था. उसी कड़ी में जयपुर रोड स्थित अशोक उद्यान भी बनवाया गया था. लेकिन देखरेख के अभाव में यह उद्यान बिल्कुल बदहाल हो चुका है. करोड़ों रुपए की लागत से बने उद्यान के मुख्य द्वार पर लंबे समय से ताले लटके हैं. उधर, उद्यान के नियंत्रक विभाग अजमेर विकास प्राधिकरण ने उसकी बदहाली के बावजूद हालत सुधारने को लेकर किसी तरह की कोई कार्य योजना भी नहीं बनाई है.

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Published : Oct 31, 2020, 7:31 PM IST

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राजनीति का शिकार हुआ अशोक उद्यान

अजमेर.जयपुर रोड पर अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से आमजन के लिए अशोक उद्यान का निर्माण करवाया गया था. उद्यान का लोकार्पण साल 2007 में किया गया और यहां बच्चों के लिए ट्रेन, झूले, चकरी, गार्डन और कैंटीन आदि भी बनाई गई. लेकिन कुछ समय बाद तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला. लेकिन देखरेख के अभाव में यह उद्यान कबाड़ में तब्दील हो गया.

राजनीति का शिकार हुआ अशोक उद्यान

उद्यान को फिर से आबाद करने के लिए ट्रैफिक पार्क का निर्माण भी करवाया गया, जिसका मूल उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देना था. लेकिन प्रभावी कार्य योजना और संचालन के अभाव में वह उद्देश्य भी पूरा न हो सका.

साल 2007 में हुआ था उद्यान का लोकार्पण

नगर सुधार न्यास की ओर से सम्राट अशोक उद्यान का निर्माण तत्कालीन राज्यमंत्री नगरीय विकास आवासन स्वास्थ्य शासन विभाग की ओर से 6 मार्च 2007 को किया गया था. उसके 7 साल बाद साल 2014 में इसके ट्रैफिक पार्क को बनवाया गया. लेकिन अशोक उद्यान को प्रशासन ने कबाड़ रखने की जगह बना दिया. शहर से उतरने वाली होर्डिंग आदि को उतरवाकर उद्यान में रखवा दिया जाता है, जिसके कारण यह कबाड़खाना बनकर रह गया.

साल 2007 में हुआ था उद्यान का लोकार्पण

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वहीं प्रशासन ने मुख्य गेट पर भी ताला लगा दिया है. उद्यान में लगी खरपतवार बढ़ गई है. बड़े-बड़े जंगली कांटे होने के कारण पौधे भी खराब हो चुके हैं. ये कांटे सड़क तक फैल गए हैं, जिसकी चपेट में पार्क में लगे चकरी और झूले भी आ गए हैं. वहीं सार्वजनिक सुविधाएं भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ऐसे में करोड़ों रुपए की लागत से उद्यानों का निर्माण किया जाता है. लेकिन रखरखाव की कमी के कारण यह उद्यान कबाड़ हो जाते हैं, जिनकी देखभाल करने वाला और सुध लेने वाला कोई नहीं होता.

राजनीति का शिकार हुआ अशोक उद्यान

पूर्व यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर श्री गोपाल बाहेती द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था. तब इसका नाम अशोक उद्यान के नाम से रखा गया था. लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद में इसका नाम परिवर्तन करते हुए सम्राट अशोक उद्यान किया गया था. उसके बावजूद इस उद्यान का अब तक सुध नहीं लिया गया. इसमें ट्रैफिक पार्क भी बना दिया गया था. दो बार लोकार्पण होने के बाद में एक बार भी अशोक उद्यान को आम लोगों के लिए नहीं खोला गया. उन्होंने कहा कि केवल मात्र यह उद्यान राजनीति की भेंट चढ़ रहा है, जिसे देखने और संभालने वाला कोई नहीं.

मौजूदा चेयरमैन आनाकानी कर गए

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मौजूदा चेयरमैन आनाकानी कर गए

वहीं जब ईटीवी भारत ने मौजूदा चेयरमैन और जिला कलेक्टर डॉक्टर प्रकाश राजपुरोहित से इस बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने इस मामले की जानकारी नहीं देने और अजमेर विकास प्राधिकरण चेयरमैन का केवल स्मार्ट सिटी की बैठक लेने की बात कही. उन्होंने इस मामले में अजमेर विकास प्राधिकरण की कमिश्नर रेनू जयपाल और सचिव किशोर कुमार शर्मा से अशोक उद्यान की बदहाली पर बात करने के लिए कहा है.

राजनीति का शिकार हुआ अशोक उद्यान

राजनीति की भेंट चढ़ा उद्यान

अशोक उद्यान राजनीति की भेंट चढ़ते-चढ़ते अधिकारियों की भी फुटबॉल बन चुका है. जहां वे इस मामले को इधर से उधर फेखने में लगे हुए हैं. लेकिन आम जनता राजनीतिक हो या अधिकारी उनसे केवल मात्र सवाल पूछ रही है कि करोड़ों रुपए खर्च करके अशोक उद्यान की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. अब इसका उद्धार कब होगा. इस बात का जवाब जनता मांग रही है.

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जयपुर रोड से अजमेर रोड पर प्रवेश करते ही अशोक उद्यान साफतौर पर नजर आता है. लेकिन वह आज तक किसी भी आम व्यक्ति के लिए खोला नहीं गया. ऐसे में अब करोड़ों रुपए खर्च करने का क्या औचित्य था. केवल मात्र अशोक उद्यान पार्क को खोलकर करोड़ों रुपए का राजस्व को नुकसान किया गया है.

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