अजमेर.देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है. जिसके चलते रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में रोडवेज बस स्टैंडों पर ठेले और थड़ी लगाने वाले दुकानदारों पर संकट बना हुआ है. तीन महीनों से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड के दुकानदारों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है.
दुकानदारों को है ग्राहकों का इंतजार पटरी पर नहीं आया रोजगार...
अजमेर के केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड पर लगभग 19 दुकानें हैं. जिन्हें 22 मार्च के बाद से ही बंद कर दिया गया था. जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट छाया हुआ है. अब दुकानों को खोल दिया गया है, तो ग्राहक नहीं है.
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दुकानदारों का कहना है परिवार का पालन पोषण करना भी अब मुसीबत बन चुका है. अब तक उन्हें रोडवेज प्रशासन द्वारा या परिवहन मंत्रालय द्वारा किसी प्रकार की राहत प्रदान नहीं की गई है.
दुकानदारों ने बताया कि अभी तक उनकी ओर ना तो प्रशासन का ध्यान गया है और ना ही सरकार का. उन्होंने जिला कलेक्टर ने मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भई सौंपा था कि उन्हें थोड़ी रियायत दी जाए. लेकिन अब तक समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया है.
दुकानदारों का कहना है केवल मात्र 6 रूटों पर ही 30 से 35 बसों का संचालन हो रहा है. अब ऐसे में यात्री रोडवेज पर नहीं आ रहे हैं, इसलिए काफी कम यात्री रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंच रहे हैं. रोडवेज प्रशासन द्वारा किसी भी व्यक्ति को बिना वजह रोडवेज परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है.
वसूला जा रहा किराया...
दुकानदारों ने जानकारी देते हुए बताया कि रोडवेज द्वारा उनसे किराया भी वसूला जा रहा है. उन्हें किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जा रही है. अब ऐसे में उनके सामने संकट की घड़ी खड़ी हो चुकी है. पिछले 3 महीनों से बंद दुकानो में माल भी खराब हो रहा है, तो ऐसे में किराए के साथ-साथ बिजली का मीटर भी घूम रहा है. कोरोना की मार के बाद दुकानदारों पर दोहरी मार पड़ रही है.
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25 प्रतिशत यात्री कर रहे यात्रा...
दुकानदारों के अनुसार केवल मात्र 25% यात्री ही बसों में यात्रा कर रहे हैं. पूरी तरह बसों का संचालन भी नहीं हो पा रहा है. केवल 8 बजे तक ही बसों का संचालन हो पाता है. पहले 24 घंटे दुकानें खुली रहती थी, लेकिन अब दुकानों को शाम को ही बंद कर दिया जाता है, लेकिन किराया पूरा वसूला जा रहा है.