अजमेर.भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक वासुदेव देवनानी ने वर्ष 2020 की समाप्ति पर एक वर्ष के कार्यकाल को प्रदेश में कांग्रेस शासन का काला अध्याय बताया. देवनानी ने कहा कि वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में अंदरूनी खींचतान में ही फंसी रही और जनता पूरी तरह भगवान भरोसे रही.
उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को भत्ता और नोकरी देने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार की लापरवाही के कारण एक साल में लाईब्रेरियन, चिकित्सा अधिकारी, जूनियर इंजीनियर, पुलिस दूरसंचार, फार्मासिस्ट सहित कई भर्तिया निरस्त हुई. इसके अलावा जनवरी 2021 में होने वाली पटवार भर्ती परीक्षा 2019 को स्थगित कर दिया. इतना ही नहीं 35 हजार पदों को ही समाप्त कर दिया.
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नौकरी प्राप्त करने के लिए लाखों बेरोजगार युवा आवेदन करते है, शुल्क जमा कराते है और वर्षभर तैयारी करते है, लेकिन अंतिम समय पर सरकार की नाकामियों के कारण परीक्षाओं का स्थगित होना लाखों बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार युवाओं के प्रति कितनी गंभीर है.
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में किसानों के सम्पूर्ण कर्जा माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन दो साल के शासन में किसानों के कर्जे माफ नहीं किए, उलटे केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लागू किए गए नए कृषि कानूनों को लेकर घड़ियाली आंसू बहाकर उन्हें गुमराह किया जा रहा है.
70 वर्षों तक किसानों का शोषण करने वाले और बिचैलियों के हाथ मजबूत करने वाली पार्टी आज किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंक रही हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा. कहीं पर चिकित्सक नहीं थे, तो कहीं पर आवश्यक व्यवस्थाओं में कमी रही.
कई अस्पतालों में मरीजों को आक्सीजन तक नहीं मिल पाई. कोरोना संक्रमित जिन मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा, उनके अनुभव बहुत पीड़ादायक और दुःखद रहे. इसके अलावा एसे कई रोग जिनके निदान हेतु सर्जरी/ऑपरेशन करना आवश्यक होता है, जो कि अभी तक भी शुरू नहीं हुए. जिससे गरीब लोग जो प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जरी नहीं करा सकते, उन्हें परेशान होना पड़ रहा है.
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देवनानी ने कहा कि एक साल के शासन में प्रदेश का विकास पूरी तरह ठप रहा. जिन सड़कों के कार्यादेश हो गए थे, उनके भी कार्य शुरू नहीं हो सके. पंचायतराज के लिए स्वीकृत बजट पर भी कैची चला दी गई. अजमेर सहित कुछ शहरों में केवल केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में कार्य कराए जा रहे है. पेयजल व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. किसी ना किसी बहाने से बिजली बिलों में बढ़ोतरी कर दी गई. कानून व्यवस्था नाम की चीज ही राजस्थान में नजर नहीं आती. राजस्थान अपराधों की दृष्टि से देश में टॉप पर है. महिला अत्याचार चरम पर है.