अजमेर.राजस्थान राजस्व बार संघ के तत्वाधान में पुष्कर में 16 जनवरी को प्रदेश की समस्त जिला बार के अध्यक्ष और सचिव की एक दिवसीय सामूहिक सेमिनार होगी. सेमिनार में राजस्व मामलों से संबंधित 10 सूत्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में प्रस्तावित मुद्दों पर चर्चा के बाद मांग पत्र सरकार को भेजा जाएगा. सरकार से मांग मनवाने के लिए बैठक में रणनीति भी बनाई जाएगी.
राजस्थान राजस्व बार संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्व मामलों से संबंधित एवं वकीलों के हित से जुड़े कई मुद्दे लंबित हैं. राजस्थान की समस्त बार अध्यक्षों की मीट 16 जनवरी को पुष्कर में आयोजित की गई है. इसमें प्रस्तावित मुद्दों पर चर्चा के साथ सरकार से अपनी मांगों को मनवाने को लेकर रणनीति भी बनाई जाएगी.
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सुरेंद्र शर्मा ने बैठक में विचारणीय बिंदुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व मामलों की सुनवाई राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त को हस्तांतरित की है. इसको वापस लिया जाए और राजस्व अपील अधिकारी को देने बाबत विचार-विमर्श होगा. इसकी क्रियान्वति के लिए काश्तकारी अधिनियम 1955 की धाराएं 223, 224 और राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धाराएं 75 व क्षेत्र में किए जाने वाले आवश्यक संशोधनों के बारे में सुझाव लिए जाएंगे.
राजस्व अपील अधिकारी के क्षेत्राधिकार शक्तियां और इनमें सुधार करने के लिए भी बैठक में चर्चा होगी. इसके अलावा संभागीय आयुक्त की कार्यप्रणाली क्षेत्राधिकार और औचित्य के लिए आवश्यक विचार-विमर्श कर सुधार करने के लिए सुझाव लिए जाएंगे. सिविल न्यायालयों की भांति राजस्व न्यायालयों में मुकदमों को निपटाने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था करने के लिए राजस्थान राजस्व सेवा के गठन की मांग पर विचार विमर्श होगा.
वहीं, राजस्थान स्टांप अधिनियम 1958, राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 और राजस्थान आबकारी अधिनियम 1950 के सभी मुकदमों की अपील सुनने का क्षेत्र अधिकार उन्हें राजस्व मंडल में अंतरित किए जाने को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी. वकीलों के हित में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लिए सुझाव लिए जाएंगे. एडवोकेट वेलफेयर एक्ट तुरंत लागू करने पर भी विचार-विमर्श होगा.
राजस्थान की सभी अभिभावकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की मांग पर भी बैठक में चर्चा होगी. राजस्थान राजस्व बार संघ के सचिव पवन सिंह चौहान ने बताया कि बैठक के बाद सरकार को मांग पत्र भेजा जाएगा.