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Special: अजमेर में बहती है गंगा-जमुनी तहजीब की रसधारा...ब्रह्मा की नगरी में खिला गुलाब, महकता है ख्वाजा के दर पर - 808th urs celebration

गंगा जमुनी तहजीब और अमन पसंद अजमेर की फिजा में अध्यात्म के साथ एकता और प्रेम भी बसता है. जी हां अजमेर से लगभग 12 किलोमीटर दूर तीर्थराज पुष्कर में पैदा होने वाले फूलों के राजा गुलाब इसकी कुदरती मिसाल है. पुष्कर का गुलाब अपने गुण और सुंदरता के साथ-साथ दिलों को जोड़ने का भी कार्य करता है. आखिर यह एक संयोग ही है, कि पुष्कर के गुलाब ख्वाजा गरीब नवाज के मजार शरीफ पर पेश किए जाते हैं. यह एक सांप्रदायिक सद्भाव की एक ऐसी मिसाल है, जो शायद ही कहीं देखने को मिलती है.

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अजमेर शरीफ की दहगाह पर फूल पुष्कर से मंगाए जा रहे

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Published : Feb 29, 2020, 2:51 PM IST

अजमेर. हिंदुओं के सभी तीर्थों का गुरु पुष्कर राज को माना जाता है, तो वहीं मुसलमानों में भी मक्का शरीफ के बाद सबसे अहम तीर्थ ख्वाजा गरीब नवाज का दर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है. जहां दोनों ही पवित्र जगह पर हजारों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. यहां से एकता और भाईचारे का पाठ सिखकर ही वापस लौटते हैं. यहां लोगों के दिलों को जोड़ने का काम कर रहा है 'गुलाब का फूल' जिसकी निस्वार्थ महक से अजमेर खिल रहा है.

सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज को पसंद थे गुलाब

माना जाता है कि सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज को गुलाब बेहद पसंद थे. तब से आज तक उनके चाहने वाले उन्हें चादर के साथ-साथ गुलाब के फूल भी जरूर पेश करते हैं. यही वजह है कि दरगाह में रोज और उर्स के मौके पर दर्जनों क्विंटल गुलाब की मांग रहती है. जिसकी पूर्ति पुष्कर के गुलाब से होती है.

अजमेर शरीफ की दहगाह पर फूल पुष्कर से मंगाए जा रहे

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ख्वाजा गरीब नवाज की बारगाह में गुलाब के फूलों की अहमियत दरगाह में चारों और सजी इन गुलाब के फूलों की दुकानों को देखकर ही चल जाती है. जहां गरीब नवाज की दरगाह में बनी गुलाब के फूलों की सैकड़ों दुकानों पर सबसे ज्यादा गुलाबी फूलों की मांग अधिक रहती है.

फूल बेचता विक्रेता

चादर से अधिक गुलाब की मांग

दर पर आने वाला हर जायरीन ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर चादर पेश करें, ना करें, लेकिन आने वाला हर जायरीन गुलाब के फूल जरूर पेश करता है. उर्स के दौरान गरीब नवाज की दरगाह में गुलाब की खपत और बढ़ जाती है. ऐसे में दुकानदारों को भी दोगुना भाव में मंडी से गुलाब खरीदना पड़ता है, जो 4 गुना भाव से जायरीनों को बेचा जाता है.

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90 फीसदी गुलाब दरगाह में होता है पेश

अजमेर फूल विक्रेता मारोठिया के मुताबिक गुलाब पुष्कर में पैदा जरूर होता है, लेकिन यहां की पैदावार का मात्र 10 फीसदी हिस्सा ही पुष्कर में काम आता है. 90 फीसदी हिस्सा ख्वाजा साहब की दरगाह के लिए अजमेर आता है. पुष्कर गनाहेड़ा, भावता, बाड़ी घाटी, सहित विभिन्न क्षेत्रों में करीब तीन हजार हिंदू काश्तकार गुलाब की खेती में लगे रहते हैं. जिसके साथ ही अजमेर शहर में भी 200 से अधिक फूल विक्रेता भी इस कारोबार से जुड़े हैं. दरगाह परिसर और आसपास के क्षेत्र में भी करीब 200 विक्रेता फुल बेच रहे हैं. जिनकी रोजी-रोटी इन गुलाब के फूलों से ही चलती है.

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