अजमेर. हिंदुओं के सभी तीर्थों का गुरु पुष्कर राज को माना जाता है, तो वहीं मुसलमानों में भी मक्का शरीफ के बाद सबसे अहम तीर्थ ख्वाजा गरीब नवाज का दर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है. जहां दोनों ही पवित्र जगह पर हजारों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. यहां से एकता और भाईचारे का पाठ सिखकर ही वापस लौटते हैं. यहां लोगों के दिलों को जोड़ने का काम कर रहा है 'गुलाब का फूल' जिसकी निस्वार्थ महक से अजमेर खिल रहा है.
सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज को पसंद थे गुलाब
माना जाता है कि सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज को गुलाब बेहद पसंद थे. तब से आज तक उनके चाहने वाले उन्हें चादर के साथ-साथ गुलाब के फूल भी जरूर पेश करते हैं. यही वजह है कि दरगाह में रोज और उर्स के मौके पर दर्जनों क्विंटल गुलाब की मांग रहती है. जिसकी पूर्ति पुष्कर के गुलाब से होती है.
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ख्वाजा गरीब नवाज की बारगाह में गुलाब के फूलों की अहमियत दरगाह में चारों और सजी इन गुलाब के फूलों की दुकानों को देखकर ही चल जाती है. जहां गरीब नवाज की दरगाह में बनी गुलाब के फूलों की सैकड़ों दुकानों पर सबसे ज्यादा गुलाबी फूलों की मांग अधिक रहती है.