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Putrada Ekadashi Celebration In Pushkar: खुले वैकुण्ठ के द्वार, आज ही के दिन देते हैं दर्शन वैकुंठ नाथ - Vaikunth Mahotsav 2022 In Pushkar

तीर्थ गुरु पुष्कर के नए रंगजी मंदिर में गुरुवार को वैकुंठ एकादशी के साथ दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव (Vaikunth Mahotsav 2022 In Pushkar) की शुरुआत हो गई है. महोत्सव के शुभारंभ पर एक घंटे के लिए मंदिरों के वैकुंठ द्वार खोले गए.

Putrada Ekadashi Celebration In Pushkar
खुले वैकुंठ के द्वार

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Published : Jan 13, 2022, 1:04 PM IST

Updated : Jan 13, 2022, 2:32 PM IST

पुष्कर (अजमेर). आज वैकुंठ एकादशी है. आज से ही तीर्थ गुरु पुष्कर में दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव की शुरुआत (Vaikunth Mahotsav 2022 In Pushkar) हो गई है. ये दिन बेहद खास होता है रंगजी रामानुज संप्रदाय के नए रंगजी बांगड़ मंदिर (New Rangji Mandir Of Pushkar) में पौष मास की पुत्रदा एकादशी पर द्वार खोले जाते हैं. वर्ष में ऐसा सिर्फ एक बार होता है.

शान से निकले भगवान वैकुंठ नाथ

वर्ष में एक बार होने वाले इस 10 दिवसीय वैकुंठ उत्सव के अंतर्गत ब्रह्म मुहूर्त में भगवान वैकुंठ नाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया. उसके बाद रामानुज सम्प्रदाय की द्रविड़ पूजा विधि के अंतर्गत विशेष अनुष्ठान किया गया. इसके पश्चचात भगवान वैकुंठनाथ की सवारी निकली. इसके बाद वैकुंठ द्वार से निकलने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई.

खुले वैकुण्ठ के द्वार, आज ही के दिन देते हैं दर्शन वैकुंठ नाथ

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आभूषणों से सुशोभित वैकुंठनाथ

साल में एक ही दिन देते हैं दर्शन भगवान

नए रंगजी मंदिर (New Rangji Mandir Of Pushkar) के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह नए रंगजी मंदिर में दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ आरंभ हुआ. महोत्सव के शुभारंभ पर गुरुवार की सुबह बीते एक साल से बंद वैकुंठ द्वार खोला गया. वैकुंठ द्वार से रत्न आभूषणों से जड़ित भगवान वैकुंठनाथ की सवारी निकाली गई. इसके बाद भगवान के दर्शनार्थ भक्त उमड़ पड़े. पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अर्चना की और प्रसाद बांटा.

विवाह महोत्सव का आगाज

पालकी पे निकले भगवान

आज से 10 दिवसीय वैकुंठनाथ विवाह महोत्सव (Vaikunth Mahotsav 2022 In Pushkar) का आगाज हो जाता है और 10 दिनों तक मंदिर प्रांगण में विशेष शोभायात्रा निकाली जाती है. उत्सव के 11 वें दिन भगवान वैकुंठनाथ और रुकमणी का विवाहोत्सव से समापन होता है. ऐसी मान्यता है कि साल कि इस वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार से निकलने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के श्री चरणों में स्थान प्राप्त होता है.

Last Updated : Jan 13, 2022, 2:32 PM IST

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