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कृषि संकाय संचालन को लेकर असमंजस में प्राइवेट स्कूल, बोर्ड पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप...30 हजार विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर

राज्य में कृषि संकाय को लेकर निजी स्कूल संचालकों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है. प्राइवेट स्कूल संचालकों ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.

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कृषि संकाय संचालन को लेकर असमंजस में प्राइवेट स्कूल

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Published : Sep 15, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 5:57 PM IST

अजमेर. राज्य सरकार के निर्देश पर बीकानेर निदेशालय से जारी आदेशों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नहीं मान रहा है. मामला स्कूलों में कृषि संकाय शुरू करने का है. आदेश के बाद प्राइवेट स्कूलों ने कृषि संकाय बनाकर विद्यार्थियों के कक्षा 11 वीं में दाखिले कर लिए. लेकिन अब बोर्ड का रवैया प्राइवेट स्कूल संचालकों के गले की फांस बन गया है. प्राइवेट स्कूल संचालकों का आरोप है बोर्ड की दोहरी नीति के वजह से पशोपेश की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बोर्ड से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.

कृषि विज्ञान विषय को कृषि विज्ञान संकाय में परिवर्तित करने की मांग को लेकर राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ ने बोर्ड सचिव को पत्र सौंपा है. विभिन्न जिलों से आए प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बोर्ड सचिव को बीकानेर निदेशालय के पत्र का भी हवाला दिया. प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र के अनुसार समस्त विद्यालयों में कृषि विज्ञान विषय को कृषि संकाय के रूप में संचालन करने की अनुमति दी जा चुकी है.

कृषि संकाय संचालन को लेकर असमंजस में प्राइवेट स्कूल

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जिसके अनुसार कृषि संकाय में प्रथम विकल्प विषय कृषि विज्ञान ( अनिवार्य ) द्वितीय वैकल्पिक विषय कृषि जीव विज्ञान ( अनिवार्य ) है. साथ ही प्रत्यय वैकल्पिक कोई एक विषय (व्यवसायिक ट्रेड/ कृषि रसायन/ भौतिक विज्ञान/ गणित/ कंप्यूटर विषय/ पर्यावरण) निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अनुपालन में सभी निजी विद्यालय जहां कृषि विषय पढ़ाया जा रहा है वहां कृषि संकाय में संचालित करने की अनुमति देने की मांग है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर कृषि संकाय केवल सरकारी स्कूल में संचालित करने के लिए पत्र लिखा है. इससे विद्यार्थियों को नुकसान होगा.

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प्राइवेट स्कूल संचालको ने बोर्ड से विद्यार्थी हितों को ध्यान में रखते हुए बीकानेर निदेशालय से प्राप्त हुए पत्र को प्राथमिकता देने की मांग की है. प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि बोर्ड परीक्षा 2022 के आवेदन पत्र भी इसी माह से भरे जा रहे हैं. इसलिए सभी संस्थाएं बोर्ड को आवेदन करने में कठिनाई महसूस कर रही हैं. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि एक ओर बीकानेर निदेशालय से समस्त स्कूलों में कृषि संकाय संचालित करने के लिए कहा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बोर्ड केवल सरकारी स्कूलों में ही कृषि संकाय संचालित करने की बात कर रहा है. राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ ने बताया कि कृषि संकाय की प्राइवेट स्कूलों को अनुमति नहीं दी गई तो 7 दिन के बाद बोर्ड कार्यालय पर प्राइवेट स्कूल संचालक धरना प्रदर्शन करेंगे.

Last Updated : Sep 15, 2021, 5:57 PM IST

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