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चूरू से दांडी यात्रा कर रहे शमशेर भालू खां पहुंचे अजमेर, उर्दू भाषा को संरक्षण प्रदान करने सहित 3 मांगे - उर्दू भाषा का संरक्षण

चूरू से दांडी यात्रा कर रहे शमशेर भालू खां सोमवार को अजमेर पहुंचे. यहां उन्होंने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उनकी उर्दू भाषा को संरक्षण प्रदान करने सहित 3 मांग है. शमशेर भालू खां ने कहा कि उनकी ये यात्रा 1100 किलोमीटर की होगी, जो कि दांडी तक जारी रहेगी.

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शिक्षक और पैदल यात्री शमशेर भालू खां पहुंचे अजमेर

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Published : Nov 9, 2020, 7:05 PM IST

अजमेर. 3 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए चूरू से 1100 किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए निकले शिक्षक शमशेर भालू खां सोमवार को अजमेर पहुंचे. अजमेर जिला मुख्यालय पहुंचने पर शमशेर भालू खां ने कलेक्टर को राजस्थान अधिकारी-कर्मचारी माइनॉरिटी एसोसिएशन के बैनर तले तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है.

शिक्षक और पैदल यात्री शमशेर भालू खां पहुंचे अजमेर

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बातचीत में शमशेर भालू खां ने बताया कि प्रदेश में सत्ता पर काबिज होने से पहले कांग्रेस ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने एवं उर्दू भाषा को संरक्षण प्रदान करने का वादा किया था. कांग्रेस के घोषणा-पत्र में ये वादा अंकित है. लेकिन, अभी तक इसे सरकार ने पूरा नहीं किया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि लंबे समय से अल्प वेतनभोगी संविदा पर कार्यरत मदरसा पैरा टीचर्स को सरकार नियमित करें. उर्दू पढ़ने के इच्छुक सभी विद्यार्थियों को उर्दू शिक्षक की व्यवस्था कराए और उर्दू अध्यापकों के नए पद सृजित किए जाएं. साथ ही उर्दू विषय के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए.

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शमशेर भालू खां ने कहा कि उनकी ये यात्रा 1100 किलोमीटर की होगी. चूरू से पैदल यात्रा शुरू की थी, जो दांडी तक जारी रहेगी. उनका कहना है कि इस बीच सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो जयपुर लौटकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आमरण अनशन करेंगे.

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