अजमेर. देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है. इस महामारी में कुछ चिकित्सा कर्मी खुद की जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वहीं ऐसे भी चिकित्सा कर्मी भी है, जो अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को अजमेर की रामनगर स्थित डिस्पेंसरी पर मरीजों ने जमकर हंगामा किया.
दरअसल, मरीजों का आरोप है कि डिस्पेंसरी समय से नहीं खोली जाती है और यहां पर मरीजों की कोरोना जांच भी खानापूर्ति के तौर पर की जा रही है. बताया जा रहा है कि कई डिस्पेंसरी में 200 तक जांच की जाती है. वहीं, यहां स्टाफ की कमी का भी रोना रोया जाता है. स्टाफ एक जगह बैठ कर बातें करने में मशगूल रहता है. कांग्रेसी नेता और समाजसेवी शैलेश गुप्ता ने कहा कि आज स्थानीय मरीजों की शिकायत मिलते ही वहां पहुंचे और देखा तो गेट बंद था. मीडिया के आने के बाद डिस्पेंसरी के गेट खोले गए. उन्होंने कहा कि स्टाफ होने के बावजूद भी यहां मरीजों की सुध नहीं ली जा रही है और कोरोना के मरीजों को भी घर जाकर दवाई नहीं दी जा रही. यह बेहद गंभीर लापरवाही है. उन्होंने डिस्पेंसरी के प्रभारी और अन्य स्टाफ की जांच के लिए जिला कलेक्टर से मांग की है.