अजमेर.पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा की अटकलें शुरू होते ही अजमेर में पंचायत चुनाव को लेकर हलचल बढ़ गई है. कांग्रेस और भाजपा से जुड़े टिकट के दावेदार अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज नेताओं की मिजाजपुर्सी में लग गए हैं. पंचायत चुनाव को लेकर सियासत गर्म होने लगी है.
पंचायत चुनाव से पहले ग्रामीण सियासत में हलचल शुरू हालांकि अभी तक पंचायत चुनाव को लेकर तिथि की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई के आखरी सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीख घोषित हो सकती है. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सियासत जोर पकड़ने लगी है. बता दें कि पंचायत चुनाव में पदों के आरक्षण की लॉटरी पहले ही निकाली जा चुकी है. वहीं, केकड़ी, सरवाड़, सांवर और अजमेर ग्रामीण की दो ग्राम पंचायत खोरी और कड़ेल को छोड़कर शेष ग्राम पंचायतों में सरपंच और पंच के चुनाव हो चुके हैं.
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जिले में वार्ड पंच, प्रधान और जिला परिषद सदस्य के साथ ही जिला प्रमुख के चुनाव होने हैं. वर्तमान में 9 पंचायत समितियों के प्रधान बीजेपी से है. जबकि इस बार दो नई ग्राम पंचायतें जुड़ गई हैं. वहीं, जिला परिषद में भी बीजेपी का कब्जा है. जिले की आठ विधानसभा सीट पर 5 पर बीजेपी 2 कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक हैं.
ऐसे में कहा जा सकता है कि ग्रामीण सियासत में कांग्रेस की पकड़ पिछले चुनाव में काफी कमजोर रही है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. जिसका असर पंचायत चुनाव पर भी पड़ेगा. इसको लेकर कांग्रेस आशान्वित है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी मजबूती को बरकरार रखने के लिए बीजेपी भी सक्रिय नजर आ रही है.
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इस बार पंचायत चुनाव का बिगुल बजता है तो घमासान भी जोरदार ही होगा. सबसे रोचक जिला प्रमुख के चुनाव होंगे. दरअसल, इस बार जिला प्रमुख का पद सामान्य वर्ग के लिए है. लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी में कई दिग्गज जिला प्रमुख की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रहे हैं. यही वजह है कि दिग्गजों के मैदान में आने से चुनाव रोचक होंगे और कांग्रेस और बीजेपी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा.