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अजमेर: किसानों के लिए 'संजीवनी' बनी ऑर्गेनिक फार्मिंग, फार्म में बने उत्पादों से बढ़ा मुनाफा

पारंपरिक कृषि को छोड़ आज का किसान नई तकनीकों के साथ ऑर्गेनिक खेती कर रहा है और अधिक मुनाफा कमा रहा है. यही नहीं आर्गेनिक खेती से बने उत्पादों की भी बाजारों में अधिक डिमांड है. संक्रमण के दौर में लोग भी आयुर्वेदिक खान-पान को दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं. ऑर्गेनिक खेती का चलन बढ़ने से युवाओं का रुझान भी खेती की तरफ बढ़ रहा है.

Organic farming becomes 'Sanjeevani' for farmers
किसानों के लिए 'संजीवनी' बनी ऑर्गेनिक फार्मिंग

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Published : Sep 10, 2020, 6:47 PM IST

Updated : Sep 11, 2020, 7:07 AM IST

अजमेर. पारंपरिक खेती कर नुकसान उठाने वाले किसानों के लिए ऑर्गिनिक खेती संजीवनी बनकर उभरी है. पहले युवा खेती छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे थे लेकिन ऑर्गेनिक खेती में अपार संभावनाएं देख कर उनका रूझान भी इस तरफ बढ़ा है. आज लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में लोग ऑर्गेनिक उत्पादों को ही प्रयोग में लाना पसंद कर रहे हैं. यानि ऑर्गेनिक खेती से सब्जी, फल आदि के उत्पादन के साथ उससे निर्मित अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं जिससे मुनाफा बढ़ रहा है.

किसानों के लिए 'संजीवनी' बनी ऑर्गेनिक फार्मिंग

ऑर्गेनिक फार्मिंग से बने उत्पाद स्वास्थ्यवर्धक हैं जिससे इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. खास बात यह है कि ऑर्गेनिक फार्मिंग से किसानों की आय भी अच्छी हो रही है. ऐसा ही एक फार्म है अंकिता कुमावत का जहां ऑर्गेनिक कृषि के साथ-साथ उससे अनेक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. यही नहीं इन उत्पादों को विभिन्न शहरों में बेचा भी जा रहा है. इससे खेती में लाभ के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.

ऑर्गेनिक फार्मिंग से बने उत्पाद

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फार्म के प्रवक्ता लोकेश वर्मा ने जानकारी दी कि पारंपरिक खेती में यूरिया और पेस्टिसाइड का प्रयोग अधिक किया जाता है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, वहीं पंजाब में अत्यधिक पेस्टिसाइड के उपयोग से कैंसर पीड़ितों की संख्या इतनी बढ़ गई कि कैंसर स्पेशल ट्रेन ही चलानी पड़ गई. यूरिया, टीडीसी जैसे घातक केमिकल के प्रयोग से हमारे फेफड़े और ह्रदय को सीधा नुकसान पहुंचता है. इसीलिए यही अंग सबसे पहले प्रभावित होते हैं. ऐसे में ऑर्गेनिक खेती बेहतर विकल्प है जिसे आज ज्यादातर किसान अपना रहे हैं.

ऑर्गेनिक फार्मिंग से उगाई जा रहीं सब्जियां

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इन उत्पादों की होती है फार्मिंग
ऑर्गेनिक खेती से बनाए गए उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है. हाल यह है कि उत्पादन से ज्यादा आज इसकी मांग है. किसान लोकेश वर्मा ने जानकारी दी कि हमारे फार्म में पेस्टीसाइड, यूरिया की जगह गोबर की खाद, गोमूत्र, खट्टी छाछ का प्रयोग कर ऑर्गेनिक खेती की जाती है जो हर तरह से सफल और सुरक्षित है. इसके अलावा मातृत्व फॉर्म में देसी गाय का दूध, दही, छाछ की नमकीन, मावा देसी, खांड, सब्जियां व शहद जैसे उत्पाद भी तैयार किए जात हैं.

ऑर्गेनिक फार्मिंग से सैकड़ों को मिला रोजगार

स्वास्थ्य के लिए बेहतर है ऑर्गेनिक उत्पादों का उपयोग
ऑर्गेनिक उत्पाद कोरोना संक्रमण एवं अन्य प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. इससे इम्युनिटी भी मजबूत होती है. इनके प्रयोग से डायबिटीज, कैंसर जैसी घातक बीमारियों से भी बचाव होता है. कई साल से ऑर्गेनिक खेती कर रहे लोकेश ने बताया कि उनके फार्म हाउस पर लगभग 200 से ज्यादा उत्पाद हैं जिन्हें बाजार में काफी पसंद किया जा रहा है. इन उत्पादों के प्रयोग से कई बीमारियों में भी लोगों को काफी राहत मिली है. वहीं ऑर्गेनिक खेती से बने स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद भी फार्म पर मौजूद है.

Last Updated : Sep 11, 2020, 7:07 AM IST

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