अजमेर. देश भर में कोरोना वैश्विक महामारी के बीच चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग कर्मी लगाातार संक्रमितों के इलाज में लगे हुए हैं. इस दौरान इनके सामने कई प्रकार की समस्याएं आ रहीं है. वहीं हर वक्त इनके संक्रमित होने का खतरा भी बना हुआ है. लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी ये कोरोना वॉरियर्स अपनी परवा किए बिना देश और समाज की सेवा में तत्परता के साथ जुटे हुए हैं. इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक है, टोंक जिले की देवली के रहने वाली राजेश्वरी साहू. जो अपने घर परिवार को दूर छोड़ कर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करने में जुटी है.
बता दें कि राजेश्वरी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की कोरोना वार्ड में मार्च से ही कार्यरत है. इस दौरान उन्होंने कई संक्रमित मरीजों की सेवा की है. राजेश्वरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वे पॉजिटिव मरीजों के बीच में रहकर बिना डरे लोगों की सेवा करने का कार्य कर रही है. वह अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में कार्यरत सेकंड ग्रेड नर्सिंग कर्मी है और मार्च महीने से अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से दे रही है. वह शुरू से ही कोरोना पॉजिटिव वार्ड में मरीजों का इलाज करने में सहयोग कर रही है. सीनियर डॉक्टर के साथ ही राजेश्वरी उन सभी पॉजिटिव मरीजों को अपने परिवार के सदस्य की तरह उनके साथ व्यवहार कर रही है.
PPE KIT पहनना एक चुनैती
राजेश्वरी ने बताया कि वह जब ड्यूटी पर जाती है तो सबसे पहले उन्हें PPE KIT पहनना पड़ता है. इस किट में किसी तरह की हवा नहीं जाती. इतनी भीषण गर्मी में इसे पहने रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. गर्मी होने के कारण 5 से 10 मिनट में ही पूरा किट गीला हो जाता है. जिसके बाद भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने और मरीजों के इलाजा का और कोई उपाए नहीं है.
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फोन पर मां रोने लगती है...