राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

SPECIAL: इंसानियत को जिंदा रखते हुए नर्स बनी 3 दिन के नवजात के लिए 'यशोदा मां'

नवजात को पैदा होने पर मां का आंचल और दुलार नहीं मिला. ना ही पिता का प्यार नसीब हुआ. कोरोना ने मां और पिता, दोनों को दूर कर दिया. शिशु वार्ड में इस नवजात की देखभाल अब सिस्टर्स कर रहीं हैं. जो बिल्कुल एक मां की तरह ही बच्चे का ख्याल रख रही हैं.

नर्सें बनीं मां, देश में नर्सों की अहमियत, ajmer news, rajasthan latest news, importance of nurses
3 दिन के नवजात के लिए नर्से बनी मां

By

Published : May 13, 2020, 7:04 PM IST

अजमेर.कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में कई लोग अपनों से दूर रह गए हैं तो कई लोग क्वॉरेंटाइन में रह रहे अपने परिजनों का इंतजार कर रहे हैं. कोरोना काल में इस तरह की परेशानियां सभी के सामने आईं. कई लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं. ऐसे में इनके परिवारों पर क्या बीत रही होगी यह समझ पाना मुश्किल है. बड़ी उम्र के लोग तो इस परेशानी में संभल भी जाए. लेकिन छोटे-छोटे बच्चे जब इसका शिकार हो जाए. तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है.

नर्स करती है शिशु की पूरी देखरेख

ऐसा ही हुआ अजमेर के जेएलएन अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती तीन दिन के नवजात के साथ. नवजात की मां कोरोना संक्रमित है और पिता क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं. ऐसे में तीन दिन के इस नवजात को संभालने की जिम्मेदारी शिशु वार्ड की सिस्टर्स पर आ गई है.

यह भी पढ़ें-जयपुर बम ब्लास्ट: जहां बहती है अमन और चैन की गंगा, वहां बह रहा था निर्दोषों का खून

कहते हैं, जन्म देने वाले से पालने वाली मां का दर्जा ऊंचा होता है. इस तीन दिन के नवजात की किस्मत में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. आदर्शनगर निवासी गर्भवती महिला का जेएलएन अस्पताल में सीजीरियन ऑपरेशन हुआ था और उसने एक बच्चे को जन्म दिया. खास बात यह रही कि मां के संक्रमित होने के बावजूद नवजात बच्चा कोरोना से मुक्त है. इसलिए एतिहात के तौर पर उसे अपनी मां से दूर रखा गया है.

3 दिन के नवजात के लिए नर्स बनी मां

नवजात को पैदा होने पर मां का आंचल और दुलार नहीं मिला. ना ही पिता का प्यार नसीब हुआ. कोरोना ने मां और पिता, दोनों को दूर कर दिया. वहीं अन्य कोई परिजन नहीं है, जो उसे अपने गोद मे ले सके. ऐसे में नवजात को अस्पताल में संदिग्ध शिशु विभाग की प्रथम यूनिट में भर्ती किया गया है, जहां 3 दिन से वार्ड प्रभारी अनीता बुंदेल, अनिता हाड़ा और अन्य नर्स नियमित रूप से बच्चे की देखभाल कर रही हैं.

यह भी पढे़ं-SPECIAL: सारी दुनिया का बोझ उठाने वाले 'कुलियों' के सामने भूखे मरने की नौबत

देखभाल के तहत बच्चे को दूध पिलाना, कपड़े बदलना और रोने पर उसे सहलाना सब कुछ आ जाता है. माता-पिता से दूर हुए इस नवजात के लिए वार्ड की सिस्टर्स ही उसकी मां बन गई हैं और एक मां के सारे दायित्व ये नर्से पूरी तरह से निभा रही हैं. ये सिस्टर्स इस बच्चे के लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details