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अजमेर दरगाह में पाकिस्तान से आने वाले जायरीनों से नहीं वसूला जाता कोई टैक्स, फिर करतारपुर कॉरिडोर पर क्यों : अंजुमन कमेटी

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के देश और दुनिया में चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दरवाजे हर आम और खास के लिए खुले हैं. इस दर पर आने वाले जायरीन से किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता. फिर चाहे जायरीन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से ही क्यों ना हो.

अजमेर दरगाह में नहीं लिया जाता टैक्स, Tax is not taken in Ajmer Dargah

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Published : Oct 24, 2019, 12:00 AM IST

Updated : Oct 24, 2019, 6:41 AM IST

अजमेर. भारत से पाकिस्तान में करतारपुर साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं से सुविधा शुल्क के नाम पर 20 डॉलर टैक्स वसूल किया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान से अजमेर में विश्वविख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर आने वाले जायरीन से कोई टैक्स दरगाह विकास के नाम पर वसूल नहीं किया जाता.

अजमेर दरगाह में नहीं लिया जाता टैक्स

बता दें कि अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के देश और दुनिया में चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दरवाजे हर आम और खास के लिए खुले हैं. इस दर पर आने वाले जायरीन से किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता. फिर चाहे जायरीन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से ही क्यों ना हो.

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दरगाह में खारी मुखी संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद वाहिद अंगारा ने बताया कि दरगाह में आने वाले पाकिस्तानी जायरीन ही नहीं बल्कि किसी भी जायरीन से कोई शुल्क नहीं लिया जाता. उन्होंने बताया कि दरगाह विकास के लिए सरकार से मिलने वाला पैसा भी पूरा खर्च नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल में श्रद्धालु से सुविधा शुल्क के नाम पर टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में टैक्स लिया जा रहा है जो गलत है. हम तो यही चाहेंगे कि दरगाह आने वाले जायरीन से किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाए.

वहीं, अंजुमन कमेटी के लंबे वक्त से पदाधिकारी रहे पूर्व उपाध्यक्ष एस इकबाल चिश्ती का कहना है कि दरगाह आने वाले जायरीन से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता. उन्होंने कहा कि विकास के लिए कोई जायरीन शुल्क देना चाहे उसके लिए मना भी नहीं है.

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दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने बताया कि दरगाह कमेटी इतनी सक्षम नहीं है की दरगाह विकास शुल्क ले सके. उन्होंने बताया कि अजमेर में आने वाले पाक जायरीन से किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता. विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में विकास या सुविधा के नाम पर किसी भी तरह का टैक्स जायरीन को नहीं देना पड़ता. वहीं, किसी भी तरह का टैक्स जायरीन से लिया जाए उसके लिए भी अंजुमन कमेटी तैयार नहीं है.

Last Updated : Oct 24, 2019, 6:41 AM IST

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