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310 करोड़ रुपए की लागत से अजमेर में हो रहा सरस डेयरी के प्लांट का निर्माण, दूध से 34 तरह के प्रोडक्ट होंगे तैयार

अगले वर्ष तक उत्पादन क्षेत्र में अजमेर जिला नया आयाम स्थापित करेगा. अजमेर में दूध से बने मक्खन, पनीर, चीज, आइसक्रीम, कैंडी सहित 34 प्रोडक्ट का स्वाद अब लोगों को चखने को मिलेगा. क्योंकि यहां 310 करोड़ रुपए की लागत से विशाल मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट बन रहा है.

विशाल मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट

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Published : Jun 4, 2019, 9:57 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 11:00 PM IST

अजमेर.जिले में विकास के नए आयामों को सरस डेयरी स्थापित करने जा रहा है. डेयरी में 310 करोड़ रुपए की लागत से विशाल मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट बन रहा है. यह प्लांट फुली ऑटोमेटिक होगा. इसमें 10 लाख लीटर प्रतिदिन दूध के 34 प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. इस प्लांट के बनने के बाद यह राजस्थान का इकलौता ऐसा प्लांट होगा.

अजमेर में श्वेत क्रांति को लेकर 20 वर्षों से काफी प्रयास हुए हैं. जिले में वर्षा आधारित खेती होती है. इसलिए ज्यादातर किसान पशुपालन पर निर्भर हैं. पशुपालक अपना दूध ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन समितियों को भेजते हैं. जहां दूध की गुणवत्ता की जांच होने के बाद उसे अजमेर सरस डेयरी भेजा जाता है. इसकी एवज में सरस डेयरी पशुपालकों को उनके दूध का भुगतान करती है. वर्तमान में डेयरी की दूध संग्रहण की क्षमता 2 लाख लीटर प्रतिदिन की है.

310 करोड़ रुपए की लागत से होगा प्लांट का निर्माण
अजमेर सरस डेयरी के पास मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण 310 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि 31 मार्च 2020 को प्लांट सरस डेयरी को मिल जाएगा. चौधरी ने बताया कि नए प्लांट के काम शुरू होने के बाद ही जिले के पशुपालकों की कायापलट हो जाएगी. पशुपालकों से प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध की खरीद होगी. इस दूध से 34 तरह के प्रोडक्ट नए प्लांट में तैयार किए जाएंगे.

चौधरी ने ये भी बताया कि मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट और मिल्क पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट फुली ऑटोमेटिक होगा. इसमें 2 ही कर्मचारी इस पूरे प्लांट को ऑपरेट कर पाएंगे. इसके अलावा प्लांट को पूरी तरह से ग्रीनरी किया जाएगा. ताकि पर्यावरण के साथ-साथ इसकी सुंदरता भी दिखें. उन्होंने बताया कि यह प्लांट प्रदेश का इकलौता बड़ा प्लांट होगा. वहीं इसमें लगी आधुनिक मशीनों को देखने के लिए देशभर से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आएंगे. मिल्क प्रोसेसिंग और पाउडर प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने के बाद अजमेर जिला 5 सालों में दूध उत्पादन क्षेत्र में डेनमार्क की तरह होगा.

वहीं आरसीडीएफ की सीएमडी वीणा प्रधान ने मंगलवार को अजमेर डेयरी के साथ ही नए प्लांट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. प्रधान ने कहा कि अजमेर जिले में आने वाली सात पीढ़ियों के लिए यह संपत्ति तैयार हो रही है. इसका पशुपालकों के साथ-साथ आमजन को भी लाभ मिलेगा. आपको बता दें कि अगले वर्ष तक उत्पादन क्षेत्र में अजमेर जिला नया आयाम स्थापित करेगा. अजमेर में दूध से बने मक्खन, पनीर, चीज, आइसक्रीम, कैंडी सहित 34 प्रोडक्ट का स्वाद अब लोगों को चखने को मिलेगा.

310 करोड़ रुपए की लागत से अजमेर में हो रहा सरस डेयरी के प्लांट का निर्माण

सरस डेयरी में एलपीजी ईंधन से चलने वाले बॉयलर का शुभारंभ
वहीं इससे पहले आरसीडीएफ की सीएमडी वीणा प्रधान ने मंगलवार को अजमेर सरस डेयरी के बॉयलर का एलपीजी ईंधन से संचालन किए जाने का शुभारंभ किया. साथ ही प्रधान ने डेयरी का भ्रमण कर अधिकारियों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. आरसीडीएफ सीएमडी वीणा प्रधान ने अजमेर में सरस डेयरी प्लांट में लगे बॉयलर का स्विच ऑन करके एलपीजी ईंधन से संचालन का शुभारंभ किया. इससे पहले बॉयलर फर्नेश से संचालित किया जाता था. बताया जा रहा है कि फर्नेश पर सरकार ने बैन लगा दिया है. इसकी वजह से उद्योग इकाइयों में अब एलपीजी या अन्य ईंधन का उपयोग किया जा रहा है.

सीएमडी वीणा प्रधान ने बताया कि फर्नेश ईंधन डेयरी प्लांट के बॉयलर को संचालित करने के लिए महंगा पड़ता था. इसलिए मुंबई तकनीकी को अपनाते हुए एलपीजी से बॉयलर का संचालन शुरू किया गया है. वहीं इसकी शुरुआत अजमेर सरस डेयरी से की गई है. प्रधान ने बताया कि प्रदेश की अन्य डेयरियों में भी बॉयलर के संचालन में एलपीजी फ्यूल का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एलपीजी हमेशा के लिए एक फ्यूल है और जिस पर कभी बैन नहीं लगेगा.

Last Updated : Jun 4, 2019, 11:00 PM IST

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