अजमेर. शक्ति की उपासना के पर्व के रूप में नवरात्र का त्यौहार मनाया जाता है. देश में माता के हजारों मंदिर होंगे जहां माता की एक या दो स्वरूपों में पूजा की जाती है, लेकिन आज हम आपको माता के एक ऐसे मंदिर का दर्शन करवाएंगे जहां माता के नौ स्वरूपों की पूजा एक ही जगह पर. नवदुर्गा का यह मंदिर अजमेर की नाग पहाड़ी के मुख पर स्थित है. स्थानीय लोग इसे नौसर माता के नाम से जानते हैं. नवरात्रा में शक्ति की उपासना माता के भक्तों ने की है. माता के नौ स्वरूपों की प्रतिदिन आराधना की जाती है.
देश में एक भी ऐसा मंदिर नहीं है जहां माता के नौ स्वरूपों के एक साथ दर्शन होते हैं. अजमेर में नौसर घाटी स्थित नौसर माता मंदिर में माता के नौ स्वरूपों के दर्शन एक साथ एक ही जगह पर मिलते हैं. मंदिर के बारे में पदम पुराण में उल्लेख है कि पुष्कर में सृष्टि यज्ञ की रक्षा के लिए जगत पिता ब्रह्मा ने नवदुर्गा का आह्वान किया था. दानवों से यज्ञ की रक्षा के लिए माता ने अपने नौ रूपों में नाग पहाड़ी के मुख्य पर प्रकट हुई थी. तब से माता अपने नौ रूपों में नाग पहाड़ी के मुख पर विराजमान है.
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किंवदंती है कि मुगल काल में औरंगजेब ने जब हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया था तब माता के इस मंदिर को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था. मंदिर को औरंगजेब की सेना ने तोड़ दिया, लेकिन माता के नौ स्वरूप वाले प्रतिमाओं को वह नुकसान नहीं पहुंचा पाए, उसके बाद मराठा काल में मंदिर की पुनः स्थापना की गई. लंबे समय से रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण होता गया. उसके बाद 130 साल बाद पूर्व संत बुध करण महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया.