राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अजमेरः श्रमिकों की मौत को लेकर मनाया गया राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया, कलेक्टर को सौंपा 8 सूत्रीय मांग पत्र

अजमेर में सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान और रोजी रोटी अधिकार अभियान के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को श्रमिकों की मौतों को लेकर राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया. साथ ही प्रवासी श्रमिकों के साहतार्थ के लिए 8 सूत्रीय मांग का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा.

अजमेर में मनाया गया राष्ट्रीय शौक दिवस, National mourning day celebrated
अजमेर में मनाया गया राष्ट्रीय शौक दिवस

By

Published : Jun 1, 2020, 3:30 PM IST

अजमेर.शहर में सोमवार को सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान और रोजी रोटी अधिकार अभियान के कार्यकर्त्ताओं ने जिला मुख्यालय के बाहर पोस्टर लेकर प्रवासी श्रमिकों के लिए 8 सूत्रीय मांग की. वहीं अभियान के कार्यकर्त्ताओं ने मौन प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को पीएम और सीएम के नाम ज्ञापन भी सौपा.

अभियान के पदाधिकारी अनन्त भटनागर ने बताया कि अभियान से जुड़े कार्यकर्ता देशभर में आज शोक दिवस मना रहे है. यह शोक दिवस उन प्रवासी श्रमिकों के लिए है, जो कोरोना से नहीं बल्कि सरकारी अव्यवस्थाओं की वजह से मारे गए है. पूरे देश में 742 श्रमिकों की मौत सड़कों पर, ट्रेनों और भूख के कारण हुई है. इसके अलावा हजारों लोगों ने असहनीय पीड़ा भोगी है. यह शोक और दुख का विषय है. भविष्य में पुनरावृत्ति ना हो.

अजमेर में मनाया गया राष्ट्रीय शौक दिवस

पढ़ेंःभरतपुर: कामां में निजी अस्पताल पर केस दर्ज, ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट की काट दी नस

वहीं ऐसे समस्याएं आने वाले समय में और बढ़ने वाली है. अभियान के जरिए दो ज्ञापन पीएम और सीएम के नाम दिए गए. इनमें 8 सूत्रीय मांगे प्रवासी श्रमिकों के साहतार्थ के लिए केंद्र और राज्य सरकार से की गई है. भटनागर ने बताया कि मुख्य मांग प्रवासी श्रमिकों को 15 किलो अनाज दिया जाए.

तीन माह का वेतन श्रमिकों को खाते में दिया जाए. प्रवासियों को आवागमन की व्यवस्था निशुल्क करवाई जाए. साथ ही किसी भी प्रवासी के साथ किसी भी राज्य में भेद नहीं किया जाए. रोजी-रोटी अधिकार अभियान के पदाधिकारी करुणा फिलिप ने बताया कि 1 जून को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

श्रमिकों को सम्मान के साथ उनके अधिकार मिलने चाहिए. जिन प्रवासी श्रमिकों की मौते हुई है. उनके परिवारों को न्याय और मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में जो श्रमिक लौट कर आ रहे है, उन्हें मनरेगा के तहत 240 दिन के लिए रोजगार मिलना चाहिए.

पढ़ेंःसोमवार से SMS अस्पताल होगा Corona Free: चिकित्सा मंत्री

साथ श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ के अलावा मिड डे मील या आंगनबाड़ी से पोषण के लिए उन्हें भोजन मिलना चाहिए. इसके अलावा सर्वोच्य न्यायालय के आदेशों की पालना हो और प्रवासी श्रमिकों के लिए बना कष्ट पूर्ण माहौल बदलना चाहिए. दोनों ही अभियान के कार्यकर्ताओं ने पोस्टर के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों का दर्द बयां किया. वहीं मौन प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को पीएम और सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details