अजमेर.राजस्थान सरकार में बॉयलर एवं कारखाना विभाग तथा राजस्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने श्रमिक योजनाओं के लंबित प्रकरणों का जिम्मेदार विगत बीजेपी सरकार को बताया. मंत्री विश्नोई का आरोप है कि बीजेपी सरकार सेस वसूली नहीं कर पाई. जिसके कारण श्रमिकों को योजना के लिए मिलने वाले लाभ पर असर (BJP government responsible for the pending case of labor schemes ) पड़ा है.
मंत्री सुखराम विश्नोई गुरुवार को अजमेर में थे. सर्किट हाउस में उन्होंने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को आर्थिक रूप से संबल देने के लिए राज्य सरकार की 5 योजनाएं संचालित हैं. उन्होंने कहा कि विगत बीजेपी सरकार में सेस वसूली कम हुई. सेस वसूली के 1600 करोड़ रुपए बीजेपी सरकार पेंडिंग छोड़कर गई थी. मंत्री विश्नोई ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने बजट में घोषणा की है कि श्रमिकों के अंतर्गत बनी योजनाओं के लिए सर्वे करवाकर पात्र व्यक्ति को लाभ दिया जाए.
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जून तक सर्वे का समय दिया गया है. सर्वे के बाद योजनाओं के लिए लंबित प्रकरणों का निस्तारण करके श्रमिकों को लाभ दिया जाएगा. मसलन श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृति, श्रमिकों के लिए मकान बनाने की राशि, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज को दी जाने वाली राशि, बेटी की शादी के लिए पैसा है. ऐसी सभी योजनाओं का लाभ सर्वे के बाद श्रमिकों को मिलेगा.
इंस्पेक्टर राज खत्म हो चुका हैः मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बताया कि अजमेर में बॉयलर एवं कारखाना विभाग के अधिकारियों से विभाग से संबंधित कार्यों को लेकर चर्चा हुई है. इसमें बॉयलर की नियमित जांच के संबंध में जानकारी ली गई है. सरकार ने इंस्पेक्टरराज खत्म किया है तो मनमर्जी से कारखानों में जाकर बॉयलर की जांच नहीं की जा सकती. अधिकारियों को महीने में दो बॉयलर जांचने का लक्ष्य दिया गया है. सरकार भी चाहती है कि लक्ष्य के अनुसार ही बॉयलर की जांच हो.
बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने के लिए चलाए जाते हैं अभियानःअजमेर में 60 बंधुआ मजदूरों को अब तक छुड़वाया गया है. उन्होंने बताया कि 27 संस्थाओं से 41 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया है. सेस वसूली समय पर हो इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि श्रमिकों को योजना के अंतर्गत बकाया भुगतान किया जा (Minister said BJP government could not recover cess) सके. मंत्री विश्नोई ने बाल श्रमिक अभियान को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए समय समय पर अभियान चलाया जाता है. इस बीच कई बार देखने में आता है कि चाय की थड़ी या अन्य दुकानों पर बाल श्रम फिर से शुरू हो जाता है. इसे रोकने के लिए ही अभियान चलाए जाते हैं.