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जब ड्रम वादक ने चूमी ख्वाजा गरीब नवाज की चौखट, और कर दिया झूमने के लिए सभी को मजबूर

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में ड्रम मास्टर शिवमणि ने कुछ वाद्य यंत्रों और अपने बेटे के साथ हाजिरी दी. दरगाह में उनके वाद्य यंत्रों की गूंज ने हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया.

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Published : Nov 21, 2019, 10:21 AM IST

अजमेर.ड्रम मास्टर शिवमणि ने बुधवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हाजिरी दी. दरगाह में उनके वाद्य यंत्रों की गूंज ने हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया. शिवमणि कुछ वाद्य यंत्रों और अपने बेटे के साथ रात में दरगाह पहुंचे, जहां उन्हें जियारत सैयद फरहान चिश्ती ने करवाई.

ड्रम वादक शिवमणि ने चूमी ख्वाजा की चौखट

उसके बाद शिवमणि टीम के साथ पायती दरवाजे के सामने बैठ गए और कव्वालों की ओर से पेश की गई. कव्वाली पर ढपली और ड्रम को स्टाइल से बजाया तो उसकी झंकार से दरगाह परिसर झंकृत हो उठा. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में शिवमणि ने कहा कि गरीब नवाज के दरबार में आकर और वाद्य यंत्रों को बजाकर उन्हें सुकून महसूस होता है.

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शिवमणि ने कहा कि संगीतकार ए आर रहमान उनके छोटे भाई की तरह हैं और उन्होंने उनके साथ काफी कार्य किए है. गौरतलब है कि शिवमणि जब भी दरगाह आते हैं अपने वाद्य यंत्रों को साथ में लाते हैं. साथ ही फरहान चिश्ती ने बताया कि शिवमणि एआर रहमान के साथ कई बार दरगाह में आ चुके हैं.

शिवमणि ने किया इन फिल्मों में काम

शिवमणि का अपना एक म्युजिक बैंड है, जिसका नाम 'एशिया इलेक्ट्रिक' है. इसमें नीलाथ्री कुमार, लुईस बैंक्स और रवि चारी शामिल हैं. वे 'सिल्क एंड श्राडा' नामक एक अन्य वर्ल्ड म्युजिक बैंड में भी बजाते हैं.

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शिवमणि ने तमिलनाडु के कई उल्लेखनीय फिल्म स्वरलिपि रचयिताओं के लिए ड्रम बजाया है. उन्होंने रोजा, रंग दे बसंती, ताल, लगान, दिल से, गुरू और काबुल एक्सप्रेस सहित कई भारतीय फिल्मों के लिए ड्रम बजाया है. उनके द्वारा योगदान दिए गए कुछ उल्लेखनीय गीतों में शामिल हैं 'काढाल रोजावे', 'पुधु वेलाई मालाई' और छैंया-छैंया.

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