अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां उर्स 25 फरवरी से शुरू होगा. जिसके तहत 20 फरवरी को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर भीलवाड़ा के गोरी परिवार की ओर से झंडे की रस्म अदा की जाएगी. उर्स के मौके पर देश- दुनिया से आने वाले जायरीन की सहूलियत के लिए प्रशासन इंतजाम में जुटा हुआ है.
कायड़ विश्राम स्थली में अंतिम चरण में तैयारी ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. दरगाह के आसपास क्षेत्रों में सड़क नाली बिजली पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही कायड़ विश्राम स्थली पर भी जायरीन की सहूलियत के लिए व्यवस्थाएं की जा रही है.
बता दें, कि 20 फरवरी को दरगाह में झंडे की रस्म के बाद उर्स औपचारिक शुरुआत हो जाती है और देश और दुनिया से जायरीन का आना शुरू हो जाता है. इन जायरीनों में बड़ा तबका गरीब वर्ग का होता है, जिनके लिए कायड़ विश्राम स्थली पर जायरीन के ठहरने सहित सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
कायड़ विश्राम स्थली पर दरगाह कमेटी जायरीन की सहूलियत के लिए जुटी हुई है. मौके पर सफाई भूमि को समतल करने पेयजल बिजली का काम जारी है. प्रशासन द्वारा उर्स से पहले तक तमाम व्यवस्थाओं को पूरा करने का दावा किया जा रहा है.
सहायक नाजिम आदिल ने बताया, कि गरीब नवाज रैन बसेरा कायड़ में 17 रैन बसेरे जायरीन के लिए बनाए गए हैं, इसके अलावा तीन बरामदे और एक शेड की भी व्यवस्था जायरीन के लिए की गई है. उन्होंने बताया कि मैदान में जायरीन खुद तंबू लगाकर भी रहते हैं. उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं से संबंधित विभागों ने अपने सभी कार्य लगभग पूरे कर लिए हैं.