अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह 171 दिन बाद आम जायरीन के लिए 7 सितंबर को खुलने जा रही है. ख्वाजा के चाहने वालों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है. मगर कोरोना महामारी के चलते दरगाह खोले जाने पर किस तरह की व्यवस्थाएं रहेगी, यह बड़ा सवाल है. इसके लिए दरगाह कमेटी ने कोविड 19 के नियमों को देखते हुए व्यवस्थाओं को लेकर एक प्रारूप तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपा है.
शनिवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में दरगाह में भीड़ प्रबंधन और कोविड 19 के नियमों की पालना के लिए बनाए गए प्रारूप के हर बिंदु पर चर्चा की गई. बैठक में दरगाह से जुड़ी हर संस्था के पदाधिकारियों ने दरगाह खोले जाने को लेकर सहमति जताई है. साथ ही कोविड 19 के नियमों की पालना में प्रशासन को सहयोग देने की बात कही है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि दरगाह खोले जाने के राज्य सरकार के निर्देशों के अनुपालना के तहत दरगाह से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ दरगाह खोले जाने के बाद कोविड-19 के नियमों के अंतर्गत व्यवस्थाओं के लिए बने प्रारूप पर चर्चा की गई.
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उन्होंने कहा कि दरगाह में जायरीन सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए हाजरी दे सकेंगे. कोरोना महामारी को देखते हुए दरगाह में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी. दरगाह के बाहर थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा सैनिटाइजेशन भी होगा. दरगाह की पवित्रता को बरकरार रखते हुए बिना एल्कोहल का विशेष सैनिटाइजर दरगाह कमेटी की ओर से मंगवाया जा रहा है.
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि भीड़ प्रबंधन को देखते हुए दरगाह के ज्यादा से ज्यादा दरवाजे खोले जाएंगे, ताकि जायरीन का आसानी से दरगाह में आना जाना लगा रहे. जिससे कि दरगाह परिसर में भीड़ ना हो सकेगी. इसके अलावा मजार-ए-शरीफ पर चादर और फूल पेश करने पर फिलहाल प्रतिबंध रहेगा. जायरीन दरगाह में केवल हाजिरी लगा सकेंगे.