अजमेर. कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच कई तरह की बाते भी कोरोना वायरस के संदर्भ में आ रही हैं. सोशल मीडिया पर कई भ्रामक जानकारियां मिल रही हैं. इससे तनाव होना लाजिमी है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी से उनकी राय जानी. डॉ माहेश्वरी मार्च 2020 से लगातार कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज करते आ रहे हैं.
कोरोना की दूसरी लहर गांव ढाणियों को भी गिरफ्त में ले रही है. इस बार कोरोना का वायरस ज्यादा घातक है. जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी ने बताया कि एक समय के बाद कोई भी वायरस अपनी प्रकृति बदलने लगता है. वायरस को एक से लाखों होने में कुछ घंटे लगते हैं. जो चीज जितनी तेजी से पनपती है उतनी ही तेजी से म्यूटेंट होती है. म्यूटेंट शब्द का मतलब अपनी प्रकृति बदलने से है. कोरोनावायरस ने भी अपनी प्रकृति बदली है. इस वायरस की संक्रमण करने की क्षमता और मारक क्षमता दोनों ही बढ़ गई है.
इस बार ज्यादा घातक है ये वायरस
पहले जितनी तेजी से कोरोनावायरस संक्रमित करता था, उससे कई गुना तेजी से अब यह लोगों को संक्रमित कर रहा है. साथ ही यह बहुत घातक भी है. डॉ माहेश्वरी ने बताया कि पहली लहर में बुजुर्ग और बीमार ज्यादा प्रभावित हो रहे थे. दूसरी लहर में जवान और स्वस्थ लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय बहुत ही सावधानी रखने की जरूरत है.
खुद सावधान रहें, नाक मुंह ढंक कर रखें
डॉ महेश्वरी ने कहा कि लोग इस गलतफहमी में न रहें कि चिकित्सक भगवान है. अस्पताल में आने के बाद भी नुकसान हो सकता है. इसलिए खुद अपनी सावधानी रखना बहुत जरूरी है. वायरस नाक और मुंह के माध्यम से ही फेफड़ों तक पहुंचता है. इसलिए नाक और मुंह को हर वक्त ढंक कर रखें. इस बार हमारे पास वैक्सीन है. जिनको वैक्सीन के दोनों टीके लग चुके हैं उनमें एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. ऐसे लोग संक्रमित हो भी रहे हैं तो संक्रमण उतना प्रभाव नहीं डाल पा रहा है.