राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अजमेर शरीफ में कुल की रस्म के बाद जन्नती दरवाजा बंद

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 807वें उर्स में इस जन्नती दरवाजे से लाखों जायरीन गुजरे और अपनी मुरादों को ख्वाजा साहब के बारगाह में पेश किया.

By

Published : Mar 15, 2019, 8:51 AM IST

जन्नती दरवाजा बंद

अजमेर. अजमेर शरीफ में पिछले 6 दिनों से उर्स के दौरान खुला जन्नती दरवाजा कुल की रस्म के साथ ही बंद कर दिया गया है. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 807वें उर्स में इस जन्नती दरवाजे से लाखों जायरीन गुजरे और अपनी मुरादों को ख्वाजा साहब के बारगाह में पेश किया.

जन्नती दरवाजा बंद

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 807वें उर्स मुबारक के मौके पर लाखों अकीदतमंदो की भीड़ और हर तरफ ख्वाजा, ख्वाजा के बुलंद होते नारों सुनाई दिए. उर्दू तारीख के मुताबिक पहली रजब को ख्वाजा साहब की दरगाह परिसर में 6 दिनों के लिए जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स के अवसर पर लाखों जायरीन जन्नत के दरवाजे के दीदार के लिए आते हैं. पूरे साल में 4 बार खुलने वाला यह जन्नती दरवाजा हर आस्थावान के लिए बेहद खास महत्व रखता है.

तभी दरवाजे से सभी धर्म के अकीदतमंद गुजरते हैं और ख्वाजा साहब की मजार मुबारक पर फूल और चादर पेश कर मुराद मानते हैं. मान्यता है कि जो शख्स इस दरवाजे से गुजरता है उसे जन्नती होने का एहसास होता है. दरगाह के खादिमो के अनुसार जो जन्नती दरवाजे से गुजर कर ख्वाजा साहब की मजार पर हाजरी देता है वह जन्नती हो जाता है.दरगाह कमेटी के सदस्य मुनव्वर खान ने बताया कि उर्स का छोटे कुल की रस्म के साथ आज समापन हो चुका है. उसमें जन्नती दरवाजे को भी आज बंद कर दिया गया है. अब ईद के मौके पर जन्नती दरवाजे को फिर से खोला जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details