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मिसाल : अजमेर की नम्रता ने हुनर को बनाया अपनी ताकत... - photographar Namrata Gandhi interview

अजमेर की नम्रता गांधी ने अपने हुनर के दम पर शौक को अपना पेशा बनाया. छोटी उम्र में पिता के देहांत के बाद अपने फोटोग्राफी के हुनर को ताकत बनाया और अपना परिवार संभाला. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत ने नम्रता से बातचीत की और महिलाओं और समाज को लेकर उनके विचार जाने.

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अपने हुनर को बनाया ताकत

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Published : Mar 8, 2020, 6:18 PM IST

Updated : Mar 8, 2020, 6:47 PM IST

अजमेर.आज भी देश में कई ऐसी संकीर्ण विचारधारा के लोग मौजूद है, जो बेटियों को बेटों से कम समझते हैं. लेकिन यह बात सभी जानते हैं कि, बेटियां किसी भी क्षेत्र में अब बेटों से कम नहीं है. ऐसी ही एक अजमेर की बेटी के बारे में हम आज बात कर रहें है, जिसने अपने हुनर को अपनी ताकत बनाया और पिता के देहांत के बाद और अपने परिवार को भी संभाले रखा.

अपने हुनर को बनाया ताकत

अजमेर में रहने वाली 24 साल की नम्रता गांधी, जो के पेशे से एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर है. नम्रता के सर से पिता का साया बचपन में ही उठ गया था. जिसके बाद उन्होंने अजमेर के क्वीन मैरी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर उदयपुर के कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की. नम्रता को बचपन से ही फोटोग्राफी का काफी शौक था. लेकिन पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह फोटोग्राफी का विशेष कोर्स नहीं कर पाई. लेकिन उन्होंने अपने फोटोग्राफी के शौक को ही अपना रोजगार का साधन बना लिया. पिता के देहांत के बाद नम्रता ने अपने फोटोग्राफी के शौक को अपना पेशा बना लिया. आज नम्रता ने अपने हुनर के दम पर क्षेत्र में जाने माने फोटोग्राफर के रुप में अपनी पहचान बना ली है.

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जीते है कई अवार्ड

बता दें कि नम्रता नेशनल लेवल फोटोग्राफी में अब तक तीन बार अवार्ड जीत चुकी है. इसके साथ ही स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी अपनी फोटो कला के कारण कई बार सम्मानित भी हो चुकी है. वह पोट्रेट, नेचर और लाइव थीम पर फोटो क्लिक कर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग निरंतर लेती रहती है. जिसके साथ ही उनकी क्लिक की गई कई तस्वीरें फोटो प्रदर्शनी में भी कई बार प्रदर्शित की जाती है.

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मिला परिवार का साथ

नम्रता ने बताया कि फोटोग्राफी करना उनको काफी पसंद है. ऐसे में वह पहले ही मोबाइल से फोटोग्राफी किया करती थी. लेकिन उसके बाद जब कैमरे की जरूरत पड़ी तो, उन्होंने कैमरा किराए पर लेकर फोटोग्राफी किया करती थी. उन्होंने बताया कि वह तीन भाई-बहन है, वह परिवार में सबसे छोटी है. लेकिन परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग उन्हें निरंतर मिलता रहता है. जिस वजह से वह आज आगे बढ़ पाई है. कई बार देर रात तक जब फोटोग्राफी के लिए जाती है तो परिवार का सदस्य इसका विरोध नहीं करता है.

हुनर को लेकर गांधी ने कहा कि आजकल के बच्चे अपने हुनर को पहचान ही नहीं पाते और पहचान भी लेते हैं तो उसे तराशने के लिए कई तरह की क्लासेस में पैसा खर्च करते हैं. जबकि उन्होंने फोटोग्राफी की कोई भी क्लास नहीं ली वह केवल यूट्यूब पर देख कर ही वह फोटोग्राफी सीख गई.

Last Updated : Mar 8, 2020, 6:47 PM IST

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