अजमेर.जिले में राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन हुआ. जिसमें मसाला उत्पादक जिलों से 2000 किसान भाग ले रहे हैं. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और पूर्व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने मेले का उद्घाटन किया.
किसान मेले में मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मसाला बीजों की नई किस्मों, फसलों में लगने वाले कीट और रोग से मुक्ति की जानकारी देने के साथ कृषि क्षेत्र में ईजाद नई तकनीकों के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है.
राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र के निदेशक गोपाल लाल ने बताया, कि मसाला उत्पादक जिलों में प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से भी किसान मेले में आए हैं. संस्था में जिन तकनीक और मसालों की किस्मों का विकास होता है, वह किसानों तक पहुंचाई जा रही है. मेले का उद्देश्य भी यही है, कि किसान इन तकनीक और किस्मों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने के साथ ही अपनी आमदनी भी बढ़ाएं.
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निदेशक गोपाल लाल ने बताया, कि भारत में 20 लाख टन मसाले का उत्पादन होता है. इसमें 15 फीसदी मसालों का निर्यात दूसरे देशों में किया जाता है. इनमें मुख्य जीरा है. इसके अलावा धनिया, सौंफ, मेथी, कलौंजी, अजवाइन, सोया मसाले हैं. 4000 करोड़ रुपए के मसाले भारत दूसरे देशों को निर्यात करता है. इसमें 2500 करोड़ रुपए का निर्यात केवल जीरे से होता है. 10 लाख हेक्टेयर भूमि पर जीरा मसाला और कुल 20 लाख हेक्टेयर भूमि पर दूसरे बीजीय मसालों का उत्पादन किया जाता है.