अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की आरएएस मुख्य परीक्षा 2018 के साक्षात्कार में सिलेक्शन करवाने के एवज में परिवादी से 23 लाख रुपए लेते रंगे हाथों पकड़े गए आयोग के जूनियर अकाउंटेंट के साथ आयोग सदस्य के कथित पीए नरेंद्र पोसवाल को शनिवार को एसीबी कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट के घर पेश किया गया. एसीबी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 4 दिन की रिमांड पर भेजा है. एसीबी की टीम आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी. राजस्व मंडल के बाद एसीबी की अजमेर में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है.
आरपीएससी की मुख्य परीक्षा 2018 के साक्षात्कार में सिलेक्शन करवाने के एवज में परिवादी से 23 लाख रुपए लेते गिरफ्तार सज्जन सिंह गुर्जर और सिकंदरा टोल नाके के सुपरवाइजर एवं आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर के कथित पीए नरेंद्र पोसवाल को गिरफ्तार किया गया था. शनिवार को एसीबी कोर्ट के जज के घर पेश किया. जज ने 4 दिन के रिमांड पर आरोपियों को सौंपा है. इस खुलासे के बाद एसीबी ने भी अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
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एसीबी के एसपी हिमांशु कुलदीप ने बताया कि आरोपी सज्जन सिंह आयोग कार्यालय में कार्यरत था. आरएएस मुख्य परीक्षा 2018 के अलावा उसने और किन-किन परीक्षाओं में उसकी लिप्तता रही है. एसीबी आरोपी से पूछताछ करेगी. इसके अलावा आरोपी से मिली जानकारी के मुताबिक ऊपर की कड़ियों के संबंध में भी अनुसंधान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एसीबी के समक्ष अन्य कोई अभ्यर्थी नहीं आया है. जिसने आरोपी से साक्षात्कार में पास करवाने का सौदा किया हो.
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हालांकि एसीबी आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसने किसी अन्य अभ्यर्थियों से भी साक्षात्कार में पैसे लिए हैं अथवा नहीं. उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी नरेश पोसवाल सिकंदरा में टोल टैक्स पर सुपरवाइजर था. आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर के साथ उसकी सांठगांठ थी. आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि वह आयोग में सदस्य राजकुमारी गुर्जर का पीए है. उनके नाम से ही उसने सज्जन सिंह को परिवादी से पैसे लेने के लिए कहा था. इसकी रिकॉर्डिंग एसीबी के पास मौजूद है.