अजमेर. शहर में इन दिनों टिड्डियों का प्रकोप अधिक दिखाई दे रहा है. राजस्थान सहित दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्य भी टिड्डियों के प्रकोप से प्रभावित हो रहे हैं. लाखों की तादाद में टिड्डियां इधर से उधर ग्रामीण इलाकों में पहुंच रही है. बताया जा रहा है पाकिस्तान के सिंध से टिड्डियों की भारी संख्या में ब्रीडिंग हो रही है, जिसके चलते करोड़ों की तादात में टिड्डियां अलग-अलग राज्यों में प्रवेश कर रही है.
बता दें कि हिंदुस्तान में स्थापित टिड्डी नियंत्रण कंट्रोल रुम दुनिया में सबसे पुराना है. इसके संगठन के स्थापना को भी अनुमानित तौर पर 81 साल हो चुके हैं. भारत में ब्रिटिश काल में भी टिड्डी दल का आतंक था, जिसके बाद तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की ओर से 1940 टिड्डी चेतावनी संगठन स्थापित किया गया था. इसका निदेशालय दिल्ली में स्थापित किया गया था, जबकि सब स्टेशन कराची, पाकिस्तान में स्थापित किया गया था. इसके अलावा इस संगठन का काम थार रेगिस्तान में टिड्डी की निगरानी और गतिविधियों की सूचना देना मात्र था.
आधुनिक समय में Whatsapp और फोन के जरिए दी जाती है सूचना
कृषि विभाग उप निदेशक वीके शर्मा ने बताया कि आधुनिक समय में विभाग की ओर से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ही सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से नागौर में अगर टिड्डी प्रवेश करती है तो नागौर की ओर से टिड्डी प्रवेश की सूचना ग्रुप में दी जाती है, जिसके बाद आसपास के जिले को अलर्ट कर दिया जाता है. इसके अलावा फोन पर भी सूचना का आदान-प्रदान किया जाता है.
पोस्टकार्ड के जरिए आदान-प्रदान होती थी सूचनाएं
महेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भारत में टिड्डी का प्रकोप बहुत पहले से है. उन्होंने कहा कि देश में टिड्डियां लगातार प्रवेश करती रही है, लेकिन इस बार कई सालों बाद टिड्डियों का प्रवेश देशभर में देखा गया है. 2020 में बड़ी संख्या में टिड्डियां ग्रामीण इलाकों में अपना असर दिखा रही है, जिनको भगाने को लिए कृषि विभाग और सरकार की ओर से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.