अजमेर. शहर की धार्मिक नगरी ब्यावर शहर में परंपराओं के नाम पर कई तरह के तीज-त्यौहार व पर्व मनाए जाते है. इन्हीं तीज-त्यौहारों व पर्वों में शामिल है. धुलंडी के दूसरे दिन खेली जाने वाली जीनगर समाज की कोड़ामार होली जो कि बुधवार को खेली गई.
कोड़ामार होली के दौरान भाभियों ने देवरों पर कोड़े बरसाए तो देवरों ने भी परंपरानुसार भाभियों पर रंग डाला. कोड़ामार होली के आयोजन से पूर्व दोपहर साढ़े बारह बजे चार भुजानाथ मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा पाली बाजार के मुख्य बाजार से होते हुए मंगल मार्केट के सामने पहुंची.
इसके बाद समाज के पदाधिकारियों द्वारा ठाकुरजी को कड़ाहों में स्नान करवाया गया. भगवान के होली खेलने के बाद परंपरानुसार भाभी और देवरों ने करीब पौन घंटे तक कोड़ामार होली खेली. इस अवसर पर जनप्रतिनिधी, पार्षदगणों सहित जीनगर समाज के गणमान्य व्यक्तियों सहित युवा उपस्थित रहें. ब्यावर में खेली जाने वाली कोड़ामार होली की परंपरा डेढ़ सौ साल पुरानी है. समाज द्वारा मुख्य बाजार में विभिन्न साइज के 9 बड़े कड़ाहों में पानी भरकर उनमें रंग घोला जाता है.