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अजमेरः पटवारी और कानूनगो क्रमिक अनशन पर बैठे, प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान का बहिष्कार - Administration boycott campaign with city/villages

अजमेर में 2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान का राजस्थान राजस्व सेवा परिषद से जुड़े तहसीलदार और पटवारियों ने बहिष्कार कर दिया. राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर राजस्थान राज्य सेवा परिषद से जुड़े कर्मचारी अनशन पर बैठ गए.

अजमेर न्यूज, Ajmer News
अजमेर में क्रमिक अनशन पर कार्मिक

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Published : Oct 2, 2021, 1:12 PM IST

अजमेर. जिले में 2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहर/ गांवों के संग अभियान का राजस्थान राजस्व सेवा परिषद से जुड़े तहसीलदार और पटवारियों ने बहिष्कार कर दिया. राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर राजस्थान राज्य सेवा परिषद से जुड़े कर्मचारी अनशन पर बैठ गए. परिषद से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर बहिष्कार किया है. गहलोत सरकार और राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बीच सभी बातचीत बेनतीजा रही है.

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गहलोत सरकार आमजन को राहत देने के लिए प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांव के संग अभियान आज से शुरू किया है. बहिष्कार के कारण आमजन को खासी परेशानी है. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र निमीवाल ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल बैठ गए है. निमीवाल ने कहा कि 3 वर्ष से राजस्थान राजस्व सेवा परिषद से जुड़े कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. सरकार से सात सूत्रीय मांगों को लेकर समझौता भी हो गया. लेकिन सरकार समझौता लागू नहीं कर रही है.

प्रत्येक उपखंड क्षेत्र में 5-5 कर्मचारी क्रमिक अनशन पर रहेंगे

निमीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर गांधीवादी तरीके से कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. जब तक सरकार 7 सूत्रीय समझौतों को लागू नहीं कर देती है वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. प्रत्येक उपखंड क्षेत्र में 5-5 कर्मचारी क्रमिक अनशन पर रहेंगे. इस दौरान यदि किसी कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी राजस्थान राजस्व मंडल और राज्य सरकार होगी.

राजस्थान पटवार संघ के अजमेर जिला अध्यक्ष विनोद रत्नू ने बताया कि भीलवाड़ा और अजमेर जिले के राजस्व सेवा परिषद के समस्त कार्मिक और अधिकारी राजस्व मंडल के बाहर धरना और क्रमिक अनशन कर रहे हैं. राजय सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि शिविरों का कार्मिक ने पूर्ण रूप से बहिष्कार किया है.

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कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

नगर निकायों के पट्टे का पंजीयन अधिकार पूर्व की भांति उप पंजीयक को दिया जाए. नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित घोषित करते हुए इन पदों की भर्ती शत प्रतिशत पदोन्नति से की जाए. तहसीलदार के 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से एवं 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएं. कोटा संभाग एवं सवाई माधोपुर जिले के राजस्व कर्मियों के आंदोलन अवधि के समय को असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में परिवर्तित किया जाकर वेतन भुगतान किया जाए. परिषद के घटक संगठनों के समस्त कार्मिकों के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाई जाए.

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