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Special : घेवर के बिना अधूरे हैं तीज-त्योहार, इसकी खुशबू से महक उठे बाजार - घेवर बनाने की विधि

घेवर छप्पन भोग के अन्तर्गत प्रसिद्ध व्यंजन है. यह मैदे से बना, मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देने वाला एक ख़स्ता और मीठा पकवान है. सावन माह की बात हो और उसमें घेवर का नाम ना आए तो कुछ अटपटा लगेगा. घेवर, सावन का विशेष मिष्ठान माना जाता है. सावन में तीज के अवसर पर बहन-बेटियों को सिंजारा देने की परंपरा काफी पुरानी है, इसमें चाहे कितना ही अन्य मिष्ठान रख दिया जाए, लेकिन अगर घेवर न हो तो बात कुछ अधूरी सी लगती है. जानें क्या है सावन में घेवर का महत्व और इसे बनाने की रेसिपी..

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तीज त्यौहार और घेवर का स्वाद

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Published : Jul 22, 2020, 5:26 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 6:38 AM IST

जयपुर.कहने के लिए तो तीज विवाहित महिलाओं का त्यौहार है. लेकिन झूलों की पींगे, तीज के गीत और नवविवाहिता की हंसी-ठिठोली के साथ तीज सभी के लिए सजने-संवरने का पर्व बन जाता है, लेकिन घेवर के बिना तीज को अधूरा माना जाता है. तीज फेस्टिवल सीजन की शुरुआत के साथ ही तीज की खास मिठाई घेवर की खुशबू से बाजार महक उठते हैं. बाजारों में मलाईदार घेवर की जमकर खरीदारी हो रही है. घेवर तीज और गणगौर की ट्रेडिशनल मिठाई मानी जाती है. इस समय बाजार में तरह-तरह के घेवर छाए हुए हैं.

तीज त्यौहार और घेवर का स्वाद

सावन के महीने में बाजार में तैयार होने वाले गुलाबी नगरी जयपुर के प्रसिद्ध घेवर अपनी ओर लालायित करते हैं. ऐसे में जब हरियाली तीज का पर्व और रक्षाबंधन सामने हो तो इस मिठाई का स्वाद और बढ़ जाता है. नवविवाहित युवक जब ससुराल जाते हैं तो वह घेवर लेकर जाते हैं. इसके बाद रक्षाबंधन पर बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद घेवर से ही उनका मुंह मीठा कराती हैं. इस सबके चलते घेवर की जमकर डिमांड रहती है. हरियाली तीज के त्यौहार की शुरुआत हो जाती है और हलवाई की दुकान पर घेवर बनना शुरू हो जाते हैं. जयपुर में तीज फेस्टिवल पर आने वाले मेहमानों का स्वागत भी घेवर की मिठास के साथ किया जाता है.

दुकानों में उपलब्ध है सभी प्रकार के घेवर

सावन में महीने में अधिक होता है प्रचलन

घेवर सावन के महीने में बनाई जाने वाली राजस्थान की एक पारंपरिक स्वादिष्ट मिठाई के रूप में प्रचलित है. सावन के महीने में किसी भी हलवाई की दुकान से घेवर को खरीदा जा सकता है. जिस तरह आज हर चीज में बदलाव देखने को मिल रहा है. इसी तरह घेवर भी बाजारों में कई साइज और डिजाइन में उपलब्ध है.

इसकी खुशबू से महक उठे बाजार

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यह पहला मौका है जब छोटे और दिल के आकार के घेवर खूब बिक रहे हैं. देसी घी और वनस्पति घी के साथ मैदा, दूध, चीनी, पनीर और रबड़ी से बने घेवरों की कई वैरायटी बाजार में उपलब्ध है. जिसमें दिल शेप, बड़ा साइज, मीडियम साइज, मिनी और टिन्नी घेवर लोगों की पसंद बने हुए हैं.

स्वादिष्ट घेवर

सावन के महीने में बाजारों में तैयार होने वाली विशेष मिठाई घेवर की महक पिंक सिटी की फिजाओं में मिठास भर रही है. इन दिनों शहर में घेवर की दुकानें सज गई हैं. हालांकि मैदा, चीनी और मेवे से बनने वाले इस घेवर के रूप अलग-अलग हैं.

बाजार में उपलब्ध है हर वैरायिटी का घेवर

लोगों की पसंद के मुताबिक हर प्रकार के घेवर बाजार में उपलब्ध हैं. जिन्हें मीठे से परहेज है इसके लिए सादा घेवर, जिन्हें मीठा पसंद है, उनके लिए मलाई वाला घेवर बाजार में उपलब्ध है. लेकिन पारंपरिक राउंड शेप के घेवर को ही लोग सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. पिस्ता डालकर डेकोरेट किया हुआ घेवर खास पसंद किया जा रहा है. ये घेवर बाजार में 270 से 500 रुपये किलो की कीमत तक बिक रहा है.

घेवर के बिना अधूरे हैं तीज-त्योहार

घेवर विक्रेता बताते हैं कि तीज के चलते पिछले दो-तीन दिनों से घेवर की जबरदस्त डिमांड है. मीठा घेवर 540 रुपये और फीका घेवर 660 रुपये में बिक रहा है. वहीं इस बार कोरोना के चलते ज्यादातर लोग फीका घेवर पसंद कर रहे हैं, ताकि घर ले जाकर 2 या 3 दिन में उसको मीठा करके खा सकें. हालांकि इस बार महंगाई के चलते 500 से 800 रुपए तक बिकने वाला देशी घी का घेवर लोग कम खरीद रहे हैं.

Last Updated : Aug 3, 2020, 6:38 AM IST

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