जयपुर.कहने के लिए तो तीज विवाहित महिलाओं का त्यौहार है. लेकिन झूलों की पींगे, तीज के गीत और नवविवाहिता की हंसी-ठिठोली के साथ तीज सभी के लिए सजने-संवरने का पर्व बन जाता है, लेकिन घेवर के बिना तीज को अधूरा माना जाता है. तीज फेस्टिवल सीजन की शुरुआत के साथ ही तीज की खास मिठाई घेवर की खुशबू से बाजार महक उठते हैं. बाजारों में मलाईदार घेवर की जमकर खरीदारी हो रही है. घेवर तीज और गणगौर की ट्रेडिशनल मिठाई मानी जाती है. इस समय बाजार में तरह-तरह के घेवर छाए हुए हैं.
सावन के महीने में बाजार में तैयार होने वाले गुलाबी नगरी जयपुर के प्रसिद्ध घेवर अपनी ओर लालायित करते हैं. ऐसे में जब हरियाली तीज का पर्व और रक्षाबंधन सामने हो तो इस मिठाई का स्वाद और बढ़ जाता है. नवविवाहित युवक जब ससुराल जाते हैं तो वह घेवर लेकर जाते हैं. इसके बाद रक्षाबंधन पर बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद घेवर से ही उनका मुंह मीठा कराती हैं. इस सबके चलते घेवर की जमकर डिमांड रहती है. हरियाली तीज के त्यौहार की शुरुआत हो जाती है और हलवाई की दुकान पर घेवर बनना शुरू हो जाते हैं. जयपुर में तीज फेस्टिवल पर आने वाले मेहमानों का स्वागत भी घेवर की मिठास के साथ किया जाता है.
सावन में महीने में अधिक होता है प्रचलन
घेवर सावन के महीने में बनाई जाने वाली राजस्थान की एक पारंपरिक स्वादिष्ट मिठाई के रूप में प्रचलित है. सावन के महीने में किसी भी हलवाई की दुकान से घेवर को खरीदा जा सकता है. जिस तरह आज हर चीज में बदलाव देखने को मिल रहा है. इसी तरह घेवर भी बाजारों में कई साइज और डिजाइन में उपलब्ध है.
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