अजमेर. दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का पाक महीना विशेष महत्व रखता है. विश्व में साम्प्रदायिक सदभाव की मिसाल सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित मस्जिद में रमजान के मौके पर इबादत का दौर जारी है. विशेष बात यह है कि यहां इफ्तारी के वक्त हर धर्म के लोग शामिल रहते हैं. कई धर्मों के लोग इफ्तारी का प्रबंध भी करते (Iftar in Ajmer Garib Nawaz masjid by people related to different religion) हैं.
यूं तो दरगाह में हर धर्म-मजहब के लोग आते हैं, लेकिन रमजान माह में यहां हर धर्म और जाति के लोगों के बीच मोहब्बत और भाईचारा देखते ही बनता है. रमजान मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए विशेष है. इस पाक महीने में लोग रोजे रख कर इबादत में अपना ज्यादा समय बिताते हैं. अजमेर दरगाह में आने वाले अकीदतमंद भी रमजान में यहां इबादत करना अपनी खुशकिस्मती समझते हैं. अल सुबह सहरी से पहले बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागकर रोजेदारों को सहरी के लिए आगाह किया जाता है.
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सहरी के बाद दिन भर लोग अपना ज्यादा वक्त इबादत में गुजार रहे हैं. यही वजह है कि दिन के समय दरगाह में जायरीन की संख्या कम नजर आती है. लेकिन शाम को इफ्तारी से पहले दरगाह परिसर में हजारों लोग एकत्रित होते हैं. रोशनी के वक्त दरगाह में विशेष दुआ होती है. ख्वाजा गरीब नवाज के हर चाहने वालों की सलामती, सेहत और खुशहाली के लिए दुआ मांगी जाती है. सभी लोग मिलकर मुल्क में अमनचैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगते हैं. यह सिलसिला पहले रोजे से आखरी रोजे तक रहता है.