अजमेर. बीसलपुर बांध में 7 बड़े कैचमेंट क्षेत्र में से 4 कैचमेंट क्षेत्र में बारिश कम होने का असर बीसलपुर बांध पर पड़ा है. एक वर्ष में तीनों जिलों और नागौर के कुछ गांवों में बीसलपुर से पेयजल सप्लाई हुई. अब उतना पानी भी बीसलपुर में इस बार की बारिश में नहीं आया, जिससे हालात विकट बन रहे है.
यही हाल रहा तो मई 2022 तक का बांध में पानी शेष रह जाएगा. इससे पर्याप्त पेयजलापूर्ति में संकट मंडरा जाएगा. बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315 मीटर है और अभी 6 सितंबर 2021 तक 310.62 मीटर पानी रह गया है. कमोबेश यही स्थिति वर्ष 2018 में भी बनी थी. वर्ष 2018 में 1 सितंबर 2018 को बांध का लेवल 309.26 फीट था.
क्या कहते हैं अतिरिक्त चीफ इंजीनियर मुकुल भार्गव... बता दें कि वर्तमान में अजमेर को 305 एमएलडी, टोंक-52 एमएलडी और जयपुर को 570 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रहा है, लेकिन आगामी 10 सितंबर के बाद तीनों जिलों में पानी की सप्लाई में कटौती संभव है. बीसलपुर बांध में पानी की आवक होने से बनी परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए जल संसाधन विभाग एक्शन प्लान बना रहा है. फिलहाल कटौती को लेकर स्पष्ट आदेश नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि 10 सितंबर से पेयजल आपूर्ति में कटौती होगी.
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जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त चीफ इंजीनियर मुकुल भार्गव ने बताया कि वर्ष 2018 में 309.26 मीटर बांध का लेवल रह गया था. इससे कम लेवल जाने पर कटौती आवश्यक रूप से होगी. भार्गव ने कहा कि यह कटौती अनिवार्य है ताकि विभाग अगली गर्मी निकाल सके और आवश्यकतानुसार पेयजल सप्लाई विभाग पूरी कर सके. सर्दियों में कटौती को और बढ़ाया जाएगा. मुख्यालय से कटौती की लिए स्वीकृति मांगी है, साथ ही जिला प्रशासन से भी बातचीत की गई है...
अभी अजमेर को 48 घंटे में मिल रहा है पानी...
अजमेर में बीसलपुर बांध परियोजना से 48 घंटे में पेयजल सप्लाई दी जा रही है. यदि विभाग सप्लाई में कटौती करता है तो अजमेर को 72 घंटे में पानी मिलेगा. इसका सीधा असर आम जनता पड़ेगा. अजमेर में फिलहाल कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को लेकर लोगों में असंतोष बना हुआ है. सप्लाई के दौरान प्रेशर कम आने की शिकायतें विभाग को मिलती रही हैं.
चितौड़, राजसमंद और भीलवाड़ा में बरसे मेघ तो हो पेयजल संकट दूर...
मानसून की बेरुखी के कारण बीसलपुर बांध में पानी की अवाक न के बराबर हो रही है जबकि बांध में मौजूद पानी से पेयजल सप्लाई जारी है. बीसलपुर बांध में पानी की आवक होने का मुख्य स्त्रोत चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा जिले हैं, जहां पर अच्छी बारिश होने से ओवरफ्लो पानी बांध में आता है. लेकिन इस बार इन तीनों जिलों में इतनी अच्छी बारिश नहीं हुई है. यही वजह है कि बीसलपुर में पानी की आवक नहीं हुई है, जिससे अजमेर, टोंक और जयपुर जिलों में अगली गर्मी तक पेयजल आपूर्ति में कटौती रहेगी. जिससे आमजन को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी.
पानी की बर्बादी को रोकें...
बीसलपुर बांध में पानी की आवक नहीं होने से पेयजल आपूर्ति में कटौती शुरू होने वाली है. अगली गर्मी का मौसम निकालना मुश्किल होगा. ऐसे में आम जन से भी उम्मीद की जा रही है कि आवश्यकता अनुसार ही पानी का उपयोग करें, पानी की बर्बादी न करें. पानी की बर्बादी कम होने से पेयजल का संकट आगामी दिनों में कम होगा.
बारिश की उम्मीद...
जल संसाधन विभाग को 15 सितंबर तक बारिश की उम्मीद है. विभाग की माने तो सितंबर के आखिरी सप्ताह तक बारिश की उम्मीद रहती है, लेकिन विभाग को 15 सितंबर तक ही बारिश की आस है. यही वजह है कि विभाग ने मुख्यालय को कटौती के लिए प्लान बना कर स्वीकृति के लिए भेज दिया है.