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लॉकडाउन में किसानों के लिए 'फरिश्ता' बनी हैदराबाद की बेटी, बिना मुनाफे के इन बड़े शहरों में ऑनलाइन बेच रही फल-सब्जी - 10वीं की छात्रा बनी किसानों की मददगार

अजमेर में मेयो गर्ल्स कॉलेज की 10वीं कक्षा की छात्रा सुदिति मेहता ने किसानों का दर्द जाना और अपनी सूझबूझ से उनकी मदद का बीड़ा उठाया. मूल रूप से हैदराबाद के कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुदिति फिलहाल, पुष्कर में अपनी नानी के साथ रह रही हैं. लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद हैं. ऐसे समय में वह नानी के फार्महाउस में समय बिताना शुरू किया तो सब्जी और फल उत्पादकों की परेशानियों से रूबरू हुईं. उन्होंने किसानों की परेशानियों को देखते हुए उनके लिए एक नई पहल शुरू की.

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छात्रा सुदिति मेहता

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Published : May 28, 2021, 5:17 PM IST

अजमेर.लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं. इसलिए सुदिति मेहता पुष्कर में अपनी नानी के फार्महाउस पर उनके साथ रह रही हैं. यहां रहकर उन्होंने सब्जी और फल का उत्पादन करने वाले किसानों की परेशानी को देखा. तब सुदिति ने उनकी मदद करने की ठान ली. अपने परिचितों और रिश्तेदारों के सोशल मीडिया ग्रुप पर पुष्कर के प्रसिद्ध फालसे और करौंदे के बारे में बताया. उसके बाद सुदिति को फल और सब्जियों के आर्डर मिलने शुरू हो गए.

छात्रा सुदिति मेहता का बयान...

बता दें, पुष्कर के किसानों से माल लेकर सुदिति संबंधित व्यक्ति को कोरियर के माध्यम से माल भेज रही हैं. पोती के इस नेक कार्य में नानी भी सहयोग कर रही हैं. खास बात यह है, सब्जी और फल के मिले ऑर्डर पर माल पहुंचाने का कार्य, बिना मुनाफे के कर रही हैं. ऑर्डर पहुंचाने में कोरियर का खर्चा सुदिति की नानी उठा रही हैं.

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कुछ ऐसे पहुंचा रही हैं किसानों को राहत

सुदिति ने बताया, लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं. इसलिए वह अपनी नानी के साथ पुष्कर में रह रही हैं. जहां फार्म पर उनके केयर टेकर से बातचीत कर उन्हें किसानों की परेशानी के बारे में पता चला. इसके बाद सुदिति ने किसानों की मदद करने की ठानी और अपनी सूझबूझ से सोशल मीडिया पर अपने परिचितों और रिश्तेदारों को पुष्कर की प्रसिद्ध फल और सब्जियों की जानकारी दे रहे हैं और उनसे आर्डर भी ले रखी हैं.

करौंदा और फालसा

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उन्होंने बताया, किसानों की सहायता के लिए वह पुष्कर और आसपास के किसानों के फालसे, करौंदे और लसोड़े खरीद रही हैं. उसके बाद ऑनलाइन मिले आर्डर के मुताबिक जयपुर, दिल्ली और मुंबई सहित कई अन्य शहरों में बिक्री हो रही है. लॉकडाउन के कारण परेशानी झेल रहे किसानों के लिए सुदिति मददगार बन गई हैं. लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में जब किसानों को उनके उत्पाद के सही दाम नहीं मिल रहे हैं. तब सुदिति ने दूसरे शहरों में अपने संपर्कों का फायदा उठाकर किसानों को बेहतर मुनाफा दे रही हैं.

छोटी सी उम्र में बड़ी सोच

पुष्कर में सुदिति की नानी पुष्पा लोढ़ा का फार्महाउस है. फार्महाउस के केयर टेकर सांवरिया ने सुदिति को बताया था कि उसके भाई महेंद्र के खेत के फालसे, करौंदे और लसोड़े बिक नहीं रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से लागत तक नहीं निकल रही है. दाम कम मिलने से आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है. सुदिति ने किसानों की परेशानी को समझा और अन्य राज्यों में रह रहे अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को सोशल मीडिया पर मैसेज किए. इससे उन्हें ऑर्डर मिलने लगे. सुदिति फल और सब्जियां किसानों से मंडी के दाम पर खरीद लेती है और उसी दाम पर कोरियर से संबंधित व्यक्ति को माल भेज देती है. इससे किसानों को उनकी लागत के सही दाम मिलने शुरू हो गए हैं. धीरे-धीरे जब आसपास के किसानों को बारे में पता चला तो किसान अब अपना माल फार्म हाउस पर ही रख जाते हैं.

सुदिति मेहता और उनके परिजन

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नानी और मौसी से मिला सहयोग

सुदिति ने बताया, इस कार्य में उनकी नानी पुष्पा लोड़ा और मौसी का बड़ा सहयोग है. यही वजह है कि 60 किलो फालसे 30 किलो लसोड़े और इतनी ही करौंदे वह अन्य राज्यों में भेज चुकी हैं. ऑनलाइन ऑर्डर मिलने के साथ ही पेमेंट भी ऑनलाइन मिल जाता है. इससे किसानों की मौसमी फल और सब्जियां सही दाम पर बिक रही हैं, जिससे किसान भी खुश हैं.

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उन्होंने बताया कि उनकी नानी पुष्पा लोढ़ा समाजसेवी हैं. फल और सब्जियां किसानों से मंगवाने और उन्हें दूसरे शहरों में कोरियर करने में सारा खर्चा वह उठा रही हैं. पुष्कर में 60 से 100 रुपए किलो तक के फालसे हैं. जबकि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों में फालसे के दाम 400 से 800 रुपए किलो तक है. बता दें, सुदिति हैदराबाद की रहने वाली हैं, जहां उनके माता-पिता का व्यापार है. अजमेर के मेयो कॉलेज में सुदिति अध्यनरत हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अपनी नानी के पास ही रुकी हुई हैं.

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