अजमेर. कोरोना महामारी के दौर में जहां कालाबाजारी और लोगों में संवेदनाओं की कमी देखी जा रही है वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो इन विकट हालातों में दूसरे के लिए सहारा बन रहे हैं. जैसा की हम जानते हैं, कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में इम्युनिटी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है. इसके लिए पौष्टिक भोजन का सेवन आवश्यक है. कोरोना महामारी से त्रस्त कई ऐसे लोग हैं जिनसे अपनों ने उनसे दूरी बना ली है. पड़ोसी, पड़ोसी से कतरा रहा है. ऐसे में उन लोगों के सामने विकट हालात बन गए हैं, जो खुद कोरोना से त्रस्त हैं.
इनमें से कई लोग हैं जिनके पास भोजन की सुविधा नहीं है. वहीं ऐसे भी लोग हैं जिनके पास भोजन की सुविधा है, लेकिन वह कोरोना बीमारी की वजह से बनाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे लोगों की सहायता के लिए कई संस्थाएं सुबह शाम उन्हें घर पर ही भोजन उपलब्ध करवा रही हैं. इतना ही नहीं, यह संस्थाएं अस्पताल में कोविड-19 और उनके परिजनों को भी भोजन पहुंचा रही हैं.
स्वच्छ माहौल में तैयार किया जाता है भोजन...
संत स्वामी हिरदाराम सेवा प्रकल्प और पारब्रह्म सेवाश्रम आशा गंज के सहयोग से प्रतिदिन 350 से 400 पैकेट डिमांड के अनुसार भेजे जा रहे है. खास बात यह कि भोजन में पोष्टिकता का ध्यान रखने के साथ चिकित्सक परामर्श से भोजन स्वच्छ माहौल में तैयार किया जाता है. संस्था के पदाधिकारी कंवल प्रकाश किशनानी बताते हैं कि स्वामी संत हिरदाराम कहा करते थे, 'बूढ़ा, बच्चा और बीमार है परमेश्वर के यार, करो भावना से सेवा इनकी, पाओगे लोक परलोक में सुख अपार'. इस प्रेरणा के साथ ही संस्थाओं ने उन कोरोना मरीजों को घर और अस्पताल में नि:शुल्क भोजन पहुंचाने का बीड़ा उठा रखा है, जो भोजन बनाने अथवा भोजन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. रसोई रेस्टोरेंट की पूरी टीम इस पुनीत कार्य में सुबह 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक जुटी हुई है.
सेवा भारती समेत कई संस्थाओं ने बढ़ाए मदद के हाथ...